Anshika Tiwari   (Anshika Tiwari)
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Joined 17 May 2021


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30 JAN 2023 AT 20:01

ना जाने क्यों तंग करती हैं माज़ी (Past) की यादें,
"इक शख्स "
इक अधूरी ख्वाहिश,
जो हो न सकी इक दफा भी मुकम्मल,
उस मुलाकात की ख्वाहिश,
ना जाने क्यों तंग करती हैं माज़ी की बातें....वादे.... इक अजनबी.....

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28 JAN 2023 AT 11:21

शिकायत इतनी है कि, एक किताब लिख दें शिकायतों में उनकी;
सब्र-ए-ज़हन इस कदर है कि, इक लफ्ज़ भी कहना अब गवारा नहीं।

شکایت اتنی ہے کہ ان کی شکایتوں پر کتاب لکھو۔
صبر اتنا ہے کہ اب ایک لفظ بھی کہنا قابل نہیں ہے۔



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27 JAN 2023 AT 23:57

यूं जो कहा करते है कि इश्क कई दफा हुआ करता है,
सुने जनाब, इश्क तो एक ही शख्स से हलाल(उचित) होता है,
जो कई दफा करे वो शख्स अक्सर बेहाल होता है।

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23 JAN 2023 AT 22:04

लोग तो इबादत में पूरी कायनात भी मांगा करते है,
हमने इबादत में गर "सिर्फ तुम्हें" मांग लिया तो क्या गुनाह किया ❓

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21 JAN 2023 AT 18:30

इक लम्बे अरसे के बाद आज खुद के साथ कुछ फुर्सत के लम्हें गुजारे,
एहसास हुआ,
कोई जाने मुझे, कोई समझे मुझे मुझसे बेहतर,
ओह ना जी! मुझे कोई मुझसे बेहतर समझ सके ऐसा कोई पर्याय नहीं ।

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19 JAN 2023 AT 20:55

कभी कभी जिंदगी की दौड़ में गिरना भी बेहद ज़रूरी होता है,
सही मायने में हम क्या है ये पता होना जरूरी होता है,
क्योंकि ठोकर लगने से ही हमें हमारी असल औकात का पता चलता है,
गिरने पर बढ़ते है किसके हाथ हमें उठाने को,
उस लम्हें पर अपनो का पता चलता है,
सीख रही हूं लोगों के दोहरे चेहरे को पढ़ना,
सुना है किताबों से ज्यादा तो चेहरे पर लिखा होता है,
छूट जाए गर किसी का साथ बीच रास्ते में तो गम कैसा,
क्यूंकि जो अपने है उनका साथ तो अंतिम समय तक होता है।😊

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10 JAN 2023 AT 23:04

"मां🌍"

सुबह गर देर तक सोने का मन हो,
तो वो सो लेने देती है,
मेरी सुबह की चाय मुझे अपने हाथों से बनाकर पिलाती है,
कभी भूख न होने पर भी वो डांट कर इक रोटी खिला ही देती है,
जब रहती हूं किसी बात से परेशान,
ना जाने कैसे वो बिन कहे ही समझ जाती है,
गर हो जाऊं कभी बीमार तो पूरी रात मेरे पास बैठकर गुजारती है,
हमारी इक फरमाइश पर वो न जाने क्या क्या बना देती है,
यूं तो समाज की नजर में हो गई हूं मैं बड़ी,
लेकिन मेरी मां आज भी मुझे छोटी सी बच्ची समझ कर मेरे सारे नखरे उठाती है,
सिखाते है लोग लड़कियों को घर के काम काज, जाना है पराए घर ये यहसास दिलाते है,
मेरी मां मुझे आत्मनिर्भर बनना सिखाती है,
जिंदगी की दौड़ में दुनिया से कदम से कदम मिला कर चल सकूं,बस हर पल वो मुझे यही समझाती है,
"जो मैं न कभी कर पाई वो मेरे बच्चे करेंगे" ये कहकर हमेशा हमें सपनो को पाने के लिए और भी जिद्दी बनाती है,
"लोग हंसेंगे हम पर,मजाक बनाएंगे हमारे सपनो का" पर तुम्हें हारना नहीं है,जिंदगी को जीत कर सपनो को पूरा कर दुनिया को जवाब देने का हौसला मुझे मेरी मां हर पल देती है
क्यूंकि ना जाने कितने दुख सहे जिंदगी में, अनगिनत किए है त्याग उन्होंने, फिर भी हम बच्चों को देख हर पल मुस्कुराती है,
मुश्किलातों से लड़ना,
तकलीफों में खुद को टूटने न देना,
इक वही तो है जो हमें सिखाती है।

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9 JAN 2023 AT 16:52

छल लिया गया इक निश्छल लड़की को,
बांध प्रेम के जाल में!
वो तो खामोश कर लेगी खुद को कुछ रोज़ में,
अब वो सोचें उनका कर्म उन्हें कहां ले जाएगा!
काफ़ी वक्त बाद ही सही लेकिन,
उनका किया उन्हें हर रोज़ तड़पाएगा!
कैसे कर पाएंगे वो खुद से खुद के वजूद का सामना,
वो रोएंगे और हर पल पछताएगें!
चाह कर भी अपने गुनाहों की माफी वो मांग नहीं पाएंगे,
भगवान सबके है,
उनका कर्मा उन्हें जरूर लौटाएंगे।

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7 JAN 2023 AT 19:05

Ek लड़की

यूं तो किसी को पसंद नहीं वो ज़रा भी,
कोई उसे पसन्द कर खुद को पागल कर बैठा है!
किसी को पसंद नहीं उसकी मौजूदगी,
कोई उसकी इक झलक को तरसता है!
किसी को पसंद नहीं उसकी आंखों की गहराई,
तो कोई डूबने को तैयार बैठा है!
किसी को चुभती है उसकी बातें,
तो कोई इक अल्फाज़ सुनने को बेकरार बैठा है!
कोई रूठ जाता है उससे,
कोई मनाने को तैयार बैठा है!
कोई बस रुलाता है उसे,
तो कोई हंसाने के हज़ार तरीके लिए बैठा है!
कोई छोड़ देता है साथ उसका,
कोई अंतिम सांस तक साथ देने का इरादा लिए बैठा है!
कोई बेहद नफ़रत करता है उससे,
कोई उसे बेहद प्यार कर बैठा है!!!

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6 JAN 2023 AT 23:09

तो कैसा हो?

वो लोग जो जिंदगी में आकर जिंदगी के तमाशे बना कर जाते है,
गर उनका भी तमाशा बने तो कैसा हो?
जो दिल में ज़हर और जुबां पर मिठास लिए फिरते है,
गर उन्हें भी मिठास में ज़हर पिलाया जाए तो कैसा हो?
जो प्रेम की आड़ में प्यार से छला करते है,
गर उनको भी प्रेम में छला जाए तो कैसा हो?
जो एक पल के स्वार्थ में छीन लेते है किसी मासूम की मासूमियत भरी मुस्कान को,
गर उनको भी जिंदगी भर रुलाया जाए तो कैसा हो?
जो बेगुनाह को गुनहगार कह कर तड़पाते है,
गर उनको भी ताउम्र तड़पाया जाए तो कैसा हो?
जो तोड़ते है अनगिनत मासूम दिलों को
गर उनके वजूद को भी ज़ार ज़ार किया जाए तो कैसा हो?
जो जोड़ कर रिश्ता इक पल में ही तोड़ जाते है
गर उनसे भी उनका हर रिश्ता छिन जाए तो कैसा हो?
जो किसी के सच्चे प्रेम को ठुकरा कर जाते है
गर वो भी ताउम्र तड़पें किसी के प्यार के लिए गर ऐसा हो तो कैसा हो?
हां उन्हें भी ताउम्र रुलाया जाए तो कैसा हो?

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