अगर फैसला यही है तो यही सही!
अगर फासले रहने ही है तो यही सही!
खत्म कर रहीं हूँ इस साल दिल के सभी अफसानों को ,
नहीं है मेरे लकीर में इश्क़,तो यही सही !
दरवाजे पर कौन है?खट-खट-खट!
जिस व्यक्ति से आप मिलना चाहते हैं ,वो अब रही नहीं ।
क्या कहा देर हो गई पुछने में बातें?कोई बात नहीं
मगर अब जवाब है ,नहीं , तो नहीं,तो नहीं!!
मेरे जीवन का फलस़फा है ये,इश्क से बेदखल हूं मैं,
खैर अब बेदखल हूँ,तो बेदखल ही सही ,
मगर अब इश्क नहीं, तो नहीं, तो नहीं।।
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तुम्हारी जिस अच्छाई पर तुम्हें गुरूर रहेगा,
तैयार रहना, दुनिया उसी बात से तुमपर लांछन लगाएगी!!-
दो रेल की पटरिया एक दूसरे से मिलती नहीं,
मिलती है तो काट देती है,एक दूसरे के रास्ते!
हां,उसी इश्क़ के सफर में हूं, तुम्हारे साथ, मैं।।-
चुप है अगर तो रहने दो,जो बोला तो दहाड़ देगा,
अच्छे अच्छों का अच्छे से,अच्छा नकाब़ भी फाड़ देगा!
स्त्रीयां जानती हैं अपने मौन रहने का महत्व,वरना विध्वंश तो केवल उनकी वाणी से हो सकता है।-
मेरे इश्क़ के ये मसले भी कम ना थे,
हुए जितने भी सितम वफ़ात से कम ना थे !
मेरी नाराजगी पर तुम अब रुखसती की बात करने लग गए हो जो,
ऐसे जैसे मैं और तुम तो कभी 'हम' ना थे!
हो अगर बीती कोई शाम तो बताओ तुम भी,
जब रहे तुम उदास और करीब हम ना थे !-
सबर का सफर संघ चला इस कदर,
महज़ यादों में सिमट कर रह गई ये उमर !
है अब भी बेखबर, थे वो तब भी बेकदर,
उनके लिए क्या सफर, क्या उमर, क्या कबर!-
हो रहीं है महसूस किसी से नजदीकियां फिर
दिल क्यों फिर किसी की मोहब्बत चाह रहा
ढूंढ रहा है क्यों दिल यह तरकीबियां फिर
दिल क्यों फिर किसी से बात करना चाह रहा
क्यों चाह रहा कि सिरहाने थम जाए हर लम्हा
दिल क्यों फिर रंगीली तितलियां उड़ा रहा
क्यों हो रही हैं उलझनें ,बेचैनी सी क्यों छाई है
दिल पर क्यों फिर किसी का यूँ खुमार छा रहा
क्यों हो रही है ख्वाहिश किसी से इज़हार करने की
दिल क्यों फिर से इश्क में बीमार होना चाह रहा
क्यों आ रहा है कोई करीब इतनी मासूमियत से
दिल क्यों फिर किसी पर मोहब्बत लूटाना चाह रहा
क्यों भर रहें हैं गम पहले इश्क़ के, ऐ खुदा,
ये दिल क्या सच में दूसरी मोहब्बत से संभाला जा रहा?-
क्या मिला आखिर उससे प्यार करके?
पूरी जिंदगी में दोबारा प्यार करने का डर!
किसी को हद से भी ज्यादा अपना मानने का भरम !
कोई मुझे खुश रखेगा ऐसी नाउ़म्मीदी!
कोई मुझे समझेगा वाला धोखा !
कोई मुझे उतना ही चाहेगा जितना मैं वाली खुदकुशी
मुझे हर रोज़ हंसना पड़ेगा के अंदर छुपा हुआ गम,
बिन सावन बरसात होने वाला मौसम!
नासुर हो चुके ज़ख्मों पर "आई हैव मूव्ड आन" वाला मलहम,
सबकुछ उनसे जुड़ा गया ,बस साथ ना रहे तो वो और हम!
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Why does Rain sounds like pain?
Why does Skies sound like eyes?
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Because both of them has been the witness that separation is never easy!!-
Once you learn to live alone,
You'll definitely love to live alone! ❤️🩹-