तु बन जा अन्न्पूरना जब भूखा कोई व्यक्ति हो।
तु बन जा भद्रकाली जब बात तेरे सम्मान की हो।
तु बन जा सावित्री जब बात तेरे सत्यवान की हो।
तु बन जा पार्वती जब बात तेरे संतान की हो।
हाँ तु बन जा दुर्गा जब बात पूरे ब्रह्माण्ड की हो।।
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सोचा न था मैं कभी तुमसे मिलूँगी,
रंग बिरंगे रंगों की तरह जिन्दगी के कैनवस पर उतरूगीं।
जगमगातें जुगनूओं की तरह अंधेरे में सैर करूँगी।
खट्टी चाट में मीठी चटनी बनके घुलूँगी।
सोचा न था मैं कभी तुमसे मिलूँगी।।-
mehaj chand pal k liye to ruk jao.....
saccha na sahi jhoota ishq to mt jataoo...
dikhave ki hod me musalsal rah par kam se kam tum to mt jao....-
उम्र को तजु़रबे के तराज़ू में मत तौलिये ज़नाब ।
हमने मासूमों को भी कफील होते देखा है।।-
meri kalam k dawat se ho gye ho tum
meri chai ki mithas se ho gye ho tum
meri hotho k muskan se ho gye ho tum
meri payal ki jhankaar se ho gye ho tum
kambkhat ye ishq ka fitoor aisa chdha hai
ki...... mere jaan-e-hayaat se ho gye ho tumm...-
मुश्किलों के बीच फ़लक की राहें हुआ करती हैं।
और ज़नाब मंजीलें किसी की मुतंज़ीर नहीं हुआ करती हैं।।-
तेरे आने की आहट सी हो रही है,
जाने क्यों घबराहट सी हो रही है।
सुनो , तुम्हें याद तो हुँ न मैं?
या तुम्हारी यादों में भी मिलावट हो रही है।।-
तुलसी, अदरक, लौंग, इलायची सा बंधन भी है,
पानी और दुध सा अद्वितीय संयोजन भी है,
ऐ दिवाने,
तुझ सा दिवाना तो हमारे मुहल्ले का बेवकूफ़ चंदन भी है।।-
अभी तो इनकार था, उसने इकरार करार दिया।
लोगों ने तो मुलज़िम ही कहा था, उसने मुज़रिम करार दिया।।-
सुकून सा मिल रहा है,
मय्यसर एकांत पल भर के लिए ही सही मगर शांति तो दे रहा है।।-