तुम गयी तो गयी मगर मुझसे खुद को ले जाना क्यूं भूल गयी ....!!!!.... — % &
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कि तेरी एक झलक पाने को मैं तरसता हूं ,,,,
तेरी इन अदाओं पे मैं हर रोज़ थोड़ा और मरता हूं ,,,,
हर बात पे कोशिश करता हूं जताना अपना प्यार तुझे ,, फिर भी बार - बार तू पूछती है कि "मैं तुझसे कितना प्यार करता हूं" ......!!!!!!......
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अपनी रूह को मेरी रूह से मिलाने में उसने कई साल लगा दिए ,,
इन्तज़ार करता रहा मैं ,, इतने में उसने बहुतों से मेरे हाल बता दिए ।।-
बैठता हूं जब भी बेवक़्त कहीं ,, खयाल आज भी बस तम्हारा ही आता है ,,,,
सोचता हूं जितनी दफा उन बातों को ,, खयाल तुम्हारा उतनी ही दफा मुझे सताता है .....!!!.....-
किसी शाम बैठोगी यूँ वक़्त निकालकर *गर ,, तो याद आऊंगा मैं ,,,,
गुफ्तगू करोगी किसी से किसी और के बारे में अगर ,, तो याद आऊंगा मैं ,,,,
उन पलों में भले ही मैं ना हूं ,, मगर खयाल बनकर तुम्हारा उसी पल याद आउँगा मैं,,,,
दूर जितना जाओगी मुझसे उतना ही तुम्हारे करीब आऊंगा मैं ,, रोकना चाहोगी हर कदम पे तुम मुझे मगर एहसास बनकर तुम्हारा याद आऊंगा मैं ........!!!!!!........-
मैं हूं वही पर आज भी ,, याद आए मेरी तो आ जाना ,,,,
मैने उठाए हैं जो कुछ अनचाहे से कदम, अफसोस है उनका मुझे आज भी ,, भूल सको *गर उन्हे ,, तो आ जाना ,,,,
मैं हर पल हर लम्हे को भुलाना चाहता हूं ,, फिर भी दफ्न है वो मुझमें कहीं आज भी ,, साथ चल सको *गर फिर भी ,, तो आ जाना ,,,,
लौटने की उम्मीद थी नही तुम्हारे , मगर तुम आयी और साथ हो मेरे आज भी ,, शायद किस्मत मेरी मैने ही लिख दी है ,, पसंद आए ,, तो आ जाना ,,,,
तुम्हारी हर उन शर्तों को उसी दिन अपना लिया था मैने और मौजूद हैं वो मुझमे कहीं आज भी ,, *गर देखना चाहो तुम खुद को मुझमे कहीं तो आ जाना और ले जाना मुझे अपने साथ ही ........!!!!!!......-
कि तुम्हारे दिल के दरवाज़े से मैं लौट आऊंगा,,,,
बिना कुछ समझाए अपने दिल का हाल मैं तुम्हे सुना आऊंगा,,,,
रोकोगी तुम मुझे,, मगर जाना है मुझे....कहकर अपनी कमी के हर एक पल का एहसास मैं तुम्हे करा आऊंगा......!!!!......-
Your faults
I will totally believe in,, that u 'ill never leave me in any cost......!!!!!!.......-