ठुकराया जो किसी ने तुम्हे, तो क्यों दुःखी हो। जो नसीब मैं नही था,उसके न मिलने पर क्यों रोते हो।। क्या पता क़िस्मत ने तेरे लिए कुछ और सोचा होगा। इसलिए इन नुकीले कांटो को, तेरे राह से निकाल फेंका होगा।।
करोड़ों की दुनियां मैं, कितनों से मिल पाते है हम। कुछ है मिलते नसीब से, और कुछ अच्छे दोस्त बना लेते है हम। माना एक दिन सबको चले जाना है, पर यार एक कॉल तो कर सकते है हम। कसमें खाई थी जो कभी न बिछड़े की, वो कसम भी तो याद रख सकते है हम। करोड़ों की दुनियां मैं, कितनों से मिला पाते है हम।।