आंखें बंद करके पहले जो ख्याल आए
तु सपनों में कहीं मुझसे मिल जाए
तुझसे बात करूं
तेरे साथ चलु
तुझे देखता रहूं
और यही काम मैं दिन-रात करूं
और फिर
रात में चांद की रोशनी में
तेरा हाथ पकड़े तुझे साथ लिये
इन ठंडी हवाओं में
तुम्हारे लहराते केशो को सुलझाऊं
और फिर
तुम्हारी गोद में सर रखकर
समय के अंत तक सो जाऊं
ना हो उस रात का सवेरा कोई
ना हि सूरज उगे ना हो चांद कोई
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