रात की खामोशी मे भी कलम ने लिखना ना छोड़ा,आँखे भी बड़ी सखत थी ख्वाबो से रिशता ना जोड़ा..!! - मौहब्बत ज़िंदा है !
रात की खामोशी मे भी कलम ने लिखना ना छोड़ा,आँखे भी बड़ी सखत थी ख्वाबो से रिशता ना जोड़ा..!!
- मौहब्बत ज़िंदा है !