24 NOV 2017 AT 0:58

रात की खामोशी मे भी कलम ने लिखना ना छोड़ा,
आँखे भी बड़ी सखत थी ख्वाबो से रिशता ना जोड़ा..!!

- मौहब्बत ज़िंदा है !