Ansar Etvi انصار خان   (अंसार एटवी)
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Poet, & Narrator
Joined 1 May 2018


Poet, & Narrator
Joined 1 May 2018
4 JUN 2024 AT 7:53

आँखों की कुछ तो नमी से डरते हैं
यार ऐसी ज़िंदगी से डरते हैं

हो न मुख़्लिस वो है फिर किस काम का
हम तो ऐसी दोस्ती से डरते हैं

काट दी है तीरगी में ज़िंदगी
अब तो अक्सर रौशनी से डरते हैं

जो न जाने दास्तान-ए-कर्बला
लोग वो ही तिश्नगी से डरते हैं

इस तरह मरना तो जाइज़ है नहीं
इसलिए हम ख़ुदकुशी से डरते हैं

जो भी बच्चे जी रहे माँ के बिना
एक बस माँ की कमी से डरते हैं

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6 SEP 2023 AT 21:23

कुआं भी तू रस्सी भी तू डोल भी तू,
निकालने वाला भी तू यूसुफ़ भी तू मिस्र भी तू,
तख़्त भी तू बादशाह भी तू बादशाही भी तू,

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24 FEB 2023 AT 10:57

कभी ख़ुद को गले से तो लगाया जा नहीं सकता
लिखा हो जो मुक़द्दर में मिटाया जा नहीं सकता

जिसे तुम राज़ देते हो वही नुक़्सान भी देगा
यहाँ हर शख़्स को दिल से लगाया जा नहीं सकता

लिखी चीज़े तो मिट जाएँ ये मुमकिन हो भी सकता है
कभी नक़्श-ए-ख़याली को मिटाया जा नहीं सकता

जहाँ में जो भी है मंसूब वो मंसूब रहता है
जहाज़ों को तो पटरी पर चलाया जा नहीं सकता

तुझे चुनना पड़ेगा अब यहाँ रस्ता हिफ़ाज़त का
हवा में तो चराग़ों को जलाया जा नहीं सकता

वो शहरों के बदलकर नाम नाकामी छुपाते हैं
मगर फिर भी हक़ीक़त को छुपाया जा नहीं सकता
~अंसार एटवी

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3 FEB 2023 AT 16:35

नई दिल्ली की सारी ख़ूबियाँ अपनी जगह सच हैं,
मगर दिल्ली पुरानी ही यहाँ दिल्ली लगी मुझको।
हज़ारों लड़कियाँ दुनिया में अच्छी हैं बहुत लेकिन,
जिसे मैं चाहता था बस वही अच्छी लगी मुझको।
~अंसार एटवी

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28 JAN 2023 AT 10:59

किसी भी शख़्स के झूठे दिलासे में नहीं आती
कहानी हो अगर लंबी तराशे में नहीं आती

जहाँ में अब कहाँ कोई जो मजनूँ की तरह चाहे
मोहब्बत भी किसी की अब तमाशे में नहीं आती
-अंसार एटवी

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13 DEC 2022 AT 5:04

हमारी कोशिशें ये हैं ज़माना अब बदल जाए,
चरागों के दिमागों से हवा का डर निकल जाए
-अंसार एटवी

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14 OCT 2022 AT 18:16

जहाँ क़ातिल भी मिलते हों जहाँ बिकते हो मुंसिफ़ भी
वहाँ मुश्किल सा हो जाता है हक़ में फ़ैसला होना,
-अंसार एटवी

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26 JUN 2022 AT 0:08

सपने सारे पूरे होते हैं,
थोड़े धीरे धीरे होते हैं
-अंसार एटवी

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4 FEB 2022 AT 11:35

आप जिनकी दुआओं में शामिल हो
जिन्हें आप में उम्मीद नज़र आती हो
जिन्हें आपसे हमदर्दी हो, मोहब्बत हो

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22 JAN 2022 AT 16:42

जहाँ पर बैठना सब के बस की बात नही

-अंसार एटवी

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