Anoop Singh   (Anoop singh)
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Joined 3 August 2019


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21 JUL 2021 AT 21:57

नींद भी खुली न थी कि हाय धूप ढल गई,
पांव जब तलक उठे कि ज़िंदगी फिसल गई।

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26 MAR 2021 AT 23:41

If you are learning to speak the truth, then learn to be alone.

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29 JAN 2021 AT 13:01

दुनिया जिसे कहते है जादू का खिलौना है, जो मिल जाए सो मिट्टी है, न मिले वो सोना है।

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26 JAN 2021 AT 15:33

लोग बेताब थे मिलने को मंदिर के पुजारी से
हम दुआ लेकर आ गये बाहर बैठे भिखारी से।

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31 DEC 2020 AT 23:12

Wishing you a very happy new year.

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31 DEC 2020 AT 23:10

Year ENDs time spENDS...moments comes MEMORIES becomes.

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31 DEC 2020 AT 22:44

जो भी था जैसा भी था बहुत कुछ सीखा के गया 2020 बहुत कुछ दिखा के गया।

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8 OCT 2020 AT 9:30

मौसम बदल रहा है ; बारिश को जितना बरसना था बरस गयी , अब कुछ नयी हवाएँ चल पड़ी हैं .

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20 SEP 2020 AT 15:07

My life is my message!

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17 SEP 2020 AT 9:18


"सागर को घमंड था की मैं, सारी दुनिया को डुबा सकता हूँ।
इतने में तेल की एक बूँद आयी, और तैर कर निकल गयी।।"

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