Anoop Sahu (मौज़ी)  
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एक शून्य इसके सिवा कुछ भी नही .
Joined 21 November 2017


एक शून्य इसके सिवा कुछ भी नही .
Joined 21 November 2017
31 JAN 2022 AT 18:23

ऐ ज़िन्दगी तूँ सहूलत तो दे हमें इतनी
बदल लें जिस से भी चाहें ऐ ज़िंदगी अपनी — % &

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14 JAN 2022 AT 15:33

इक अजब उदासी थी अब के सर्द मौसम में
छोड़ के गया था ऐ कौन शब शहर मेरा

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6 JAN 2022 AT 14:44

मैं इसलिए भी ग़मगीन हूँ दोस्त
मैं इस वक़्त के साथ नही चल पाया
ज़िन्दगी माज़ी के तआकुब में गुजर रही है
यह दुरुस्त हाफ़िज़ा सबब-ए-अज़ाब है मेरे लिए
जिन्हें भूलना था मुझे बस वही लोग वही लम्हे याद रहे

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5 JAN 2022 AT 13:27

बदलता ऐ मौसम
तमाम होता हुआ साल
एक अजब सी टीस है दिल में
ऐ शाम ऐ रक़्स करती ठण्डी हवा
जाने क्या शय बुझ रही है सर्द सीनों में
गई साल का यही महीना था जब वो गए थे
ले गए थे मौसम जिनको दोस्ताँ वो लोग नही लौटे
हर बरस की तरह इस बरस भी सिर्फ़ उनकी यादें लौटीं

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2 JAN 2022 AT 18:05


तुम कह रहे हो सो ठीक है मगर
बताओ मुझे मैं इसका क्या करूँ आखिर
मेरे भीतर बहुत भीतर जो बेज़ारी घर बना रही है
गुजरते हुए ऐ लम्हात कहीं दूर ले जा रहे हैं मुझे मुझसे
लम्हा लम्हा मैं कम हो रहा हूँ खुद में मुझमें बेज़ारी बढ़ रही है

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8 DEC 2021 AT 13:25


सुकून-ए-दिल कभी हासिल ना हुआ , 
तमाम ज़िन्दगी रास्तों के सफर में कट गई , 
और पस-ए-मर्ग हम फिर दरियों के सफर में रहे , 
रूह जो बेकरार थी सो अज़ल तक फिर बेकरार ही रही , 
जो मिला उससे मुतमईन न हुए जो न था उसकी आरजू रही , 
बहुत ढूँढ़ा लेकिन मगर फिर भी सुकून-ए-दिल कभी हासिल ना हुआ .

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5 DEC 2021 AT 17:18

मैने बस पूछा ही था कैसे हो तुम ,
रो पड़ा वो एक मुख़तसर खामोशी के बाद ,
मिलते हुए तलातुम, मौज़, रवानी सभी कुछ था ,
ऐ दोस्त बस उन नर्गिसी आँखों में एक भी ख़्वाब न था ,

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4 DEC 2021 AT 13:51

इब्तिदा-ए-सफर में हो अभी सो तुम्हें कुछ भी खबर नही है,
एक दिन तुम्हारी इन आँखों में तल्ख़ हक़ीक़तें होंगी ,
हसरत-ए-तवीर से महरूम नीम-बाज़ आँखों में ,
टूटा फूटा सही एक ख़्वाब तक ना होगा ,
मोहब्बतों के निशान तक ना होंगे ,
कोई अजाब तक न होगा .

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13 SEP 2021 AT 13:10


साथ उनके होने से , 
महसूस होती थी ज़िन्दगी , 
अब तुम्हें क्या बताऊँ कि ऐ दोस्त , 
कुछ लोग फ़क़त बेहतरीन नही कमाल थे .

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27 AUG 2021 AT 14:20

कुछ भी कर लें पा न सकेंगे जिसे ,
तमाम उम्र हमें आरजू भी उसकी रहनी है .

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