anonymous poet   (अधूरे ख़्वाब)
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Poet out of experiences
Banker by profession

Location: Jodhpur
Joined 19 August 2019


Poet out of experiences
Banker by profession

Location: Jodhpur
Joined 19 August 2019
12 JUL AT 23:57

If you have many
I am okay being the last
If you have none
I m happy being the ONE

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20 JUN AT 22:57

तुम तसव्वुर थे मेरा,
ले नसीब में कुछ पल का साथ
जितना था, मुखातिब रह लेते
थामे राहों में इक दूजे का हाथ
उम्मीद के भरोसे तू बढ़ चला आगे
बचे हैं अब संजोये हुए वादे
नामुमकिन से इरादे
और बीती यादों के तमाशे

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20 JUN AT 0:26

पिछले कदमों पे चलती हूँ की
तुम्हारी आँखों में अपने लिए प्यार देख सकूँ
साथ चलने का वादा-इरादा नहीं फिर भी
मोहब्बत को पीठ दिखा क़िस्मत को कैसे जीतने दूँ ?

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18 JUN AT 1:34

The world shall try you each time!
I don’t care if u are mine!
I gotta prove myself for myself to you,
No worry, I shall definitely shine!!

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16 JUN AT 9:21

आसान, ग़ैरों से रिश्ता बनाना होता है,
मुश्किल, बने रिश्तों को निभाना होता है !
धार-ऐ-कसौटी पर उतरना पड़ता है हर बार ख़रा,
जैसे हर सुबह सूरज को उग कर आना होता है!

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12 OCT 2024 AT 8:34

चाहत अब भी है उतनी ही तुझमें भी मुझमें भी
पर वो कशिश दिखती ही नहीं
सुलझाने की चाह में उलझे रिश्ते सिरा कोई तो मिलता कहीं
लड़ लिया किस्मत से बहुत शिद्दत से मगर पार पड़ी नहीं
क्या ही अब प्रयास करूँ विचार आता है यही
मान लूँ की मैं ग़लत हूँ…जब के मैं हूँ ही नहीं?
तुम्हारे हर सही में सही कहा है, ग़लत में कभी हाँ भरी नहीं
बस रिश्ते को बचाने के लिए, दगा कर दूँ रिश्ते से ही?
सुधर जाएगा रिश्ता मान लूँ ,मन की वो हताशा शायद जाएगी नहीं
ताउम्र रहेगा अफ़सोस यही… क्या हो सकते थे… पर हुए नहीं!

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26 SEP 2024 AT 0:33


You had many more
I just had four
But from four I turned to none
Cz u wished to be the only one

Times do change and so did you
Me being the one for you is very few
Handing you over to your clan
Seems the right thing to do.

Turing back to four won’t be right of me
Cz changing again proves one wrong to be
I know I wasn’t and so weren’t you
Let’s just say… it’s time to bid adieu.

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15 SEP 2024 AT 23:47

अंदर एक शोर था
जो अब थमने लगा है
मुखातिब हुए थे जब वो मुझसे
पिघल गया था मैं…!
उससे इश्क़ की आग में…
वो नशा….
अब धुलने लगा है…
ये दिल पत्थर सा फिर से
जमने लगा है!!!

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15 SEP 2024 AT 22:57

है जिसको एहसास नहीं
फिर उससे कोई आस नहीं!

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4 JUL 2024 AT 0:04

महसूस कर
महबूब मेरे
मेरी हद ऐ तिशनगी
के हर बार
कुरेदा है मैंने
ख़ुद को
इस रिश्ते को
हरा रखने के लिए

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