है हम देशभक्त
करते देशभक्ति
खाते आज हम गर्म जलेबी
होती बातें चाशनी में डूबी
फहराते राष्ट्र ध्वज
लहराती गुब्बारे संग डोरी
पहनते सफेद कुर्ता
साथ रहती गांधी टोपी
गा लेते चंद गीत
होती जिनमें हल्की अंग्रेजी
ठंड में ठिठुर जाती
हमारी हिम्मत थोड़ी - थोड़ी
भेज संदेश खुशी के
बन जाते हम देशप्रेमी।
P.s. ये किसी व्यक्ति, जाति विशेष की आलोचना नहीं अपितु सबकी है।
मैं, आप , तुम से कहीं अधिक ये हम सब की मूल समस्या है।
ये जो हमारा देश प्रेम है वो किसी खास दिन ही क्यों बाहर आता है।
मुझे तो ये काफी खटकता है।
क्या आपके मन में भी ये विचार कौंधता है?
कमेंट सेक्शन में अपनी बात साझा करें।
गणतंत्र दिवस की आप सब को हार्दिक शुभकामनाएं।
जय हिन्द।
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