मुझे तुम पसंद हो
तुम्हारा मुस्कुराना मुझे पसंद है.
हमारा यू चुप चुप के सब के सामने बात करना पसंद है
तुम्हें याद करना भी पसंद है
तुम्हें देखना साथ में रहे ना पसंद हे तुम्हें देखने की चाह में बेचैन रहे ना भी पसंद हे।
पसंद हे तुम से जुडी हर चीज़ तुम्हे छेड़ना भी पसंद हे
पायल की छम छम होतो की लाली कानो की बाली| इन सब पे मैं अपना हक चाहता हूँ-
Anonymous alone
(Rubaru.....dil se.......✍)
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Joined 28 February 2019
3 JUN 2024 AT 16:53
4 JUL 2022 AT 21:13
सब्र कर कब्र तक का सफर अभी बाकी हे|
अभी कई मोड़ बाकी हे|
अभी तेरा हार को जित में बदलना|
और विजय को प्राप्त करना अभी बाकी हे|
मुशकीलो से लड़ना अपनी ही राह बनाना अभी बाकी है|
अभी बाकी हे जिदंगी का ये सफर|
इस दुनिया की खुबसूरती खुद की हसी देखना अभी बाकी हे|-
9 JUL 2021 AT 9:58
जिम्मेदारीया बढती रही
ख़्वाहिशे घटती रही
जमाने से सामना होता रहा
और मैं खुद को खोता रहा|-
1 JUL 2021 AT 20:21
समय भी अपने समय से आता है|
ओर फीर समय का जाने का समय भी आ जाता है|-
22 JUN 2021 AT 10:18
Jab tak khud ko chunoti nahi doge na tab tak chutiyo se larna hi pade ga.
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11 FEB 2021 AT 21:44
बुरा लगे तो ढाट दो|
किसी की खुशियों पे होके देखो निशार|
तभी तो होगा तुमे भी खुद से प्यार|
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27 DEC 2020 AT 16:55
ना वो इश्क था ना वो शाजीस थी
मेरे लिए इश्क था उसके लिए शाजीस थी
तेरी सादगी मुझे भाती थी मेरी चालाकी तुझे हसाती थी
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