बाद में. रिश्ते बांधीये।
इसके बाद भी.... अगर कोई साथ है, तब तो ठीक.....
वरना.....
आप अपने रस्ते जाइये..।
🤣🤣-
सच्ची कलम ✍️
भला.........
अभी और कितना करू सब्र....
की मैं एक लड़की हूँ...
बंदिशों में तो हूँ ही... कोई बात नहीं....
पर.....
ख़्वाहिशे.... तो सुन लो लोग।
क्यूंकि...... इच्छाएं तो....
आखिरी.....
एक मरते इंसान की भी....
पूछी और सुनी जाती है।-
पैसो से तौले जाते हैं....
अगर....
बन के रहें तब तो ठीक ठाक चलेगा,
और.... गलती से भी अगर नहीं बनी....
तब तो.... लोग पैसो की धौंस दिखाने लगते है।-
धिक्कार है उनपर....
जिन्होंने रिश्तों को कलंकित किया...
उन्हें तो...
. वे .... खुद को छोड़कर
पूरी दुनिया... ही कलंकित लगती है।
पर...
उन्हें अपना गिरेबान झाँकने में लज्जा आती है।
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समझ नहीं आता....
लोग कहते है.... चाँद में तो दाग है।
पर... फिर भी....
दीवाने उस चाँद के ही हुए रहते है।-
बाबा क्यों पढ़ाया इतना....
सही बातो को कहने पर,
लगे आवाज़ दबाने मेरी।
बाबा क्यों पढ़ाया इतना।
गलत को गलत कहने की हिम्मत पर...
मुझको ही लगे गलत ठहराने..
बाबा क्योंपढ़ाया इतना।
चूल्हा चौका के साथ,
लिए हाथ मैं कलम किताब....
कहते है शोभा नहीं देता तुझको,
भरवां ले मांग और चली जा अपने द्वार।
बाबा क्यों पढ़ाया इतना.
.. तुमने ही तो दिखलाया सच का मार्ग।
बड़ो का आदर के साथ करना उनका सत्कार,
क्या हक़ नहीं मुझे की कुछ कह सकूँ अपनी बात।
बाबा क्यों पढ़ाया इतना आपने,
जब सुननी ही नहीं मेरी कोई बात।
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तनाव क्या होता है...
बड़े परिवार में रह रहे
उन बच्चो से पूछो.....
जिन बच्चो के पिता का विरोधी....
पूरा परिवार होता है।-
तुम हैसियत और औकात की बात करते हो,
एक पिता से....उसके बच्चो के सामने।
........ वो बच्चे तुम्हारा विरोध तो नहीं कर सकते,
क्यूंकि बड़े हो तुम उनसे,
पर वे अपनी नज़रो में...
तुम्हारी हैसियत और औकात अच्छे से जान गए है।
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पिता की हैसियत कैसी भी हो...
किसी को हक़ नहीं की,
कोई उसकी हैसियत का ताना मारे,
किसी को ये हक़ नहीं की...
उसके परिवार के सामने, कोई उसकी... बेज्जती करे।
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