गुरु की हो जब वंदना, मिले शिष्य को प्राण ।
गुरु ने ही जीवन दिया, अद्भुत नेक प्रमाण ।।
प्रतिपल आते याद हरि, जब- जब होती पीर।
मत भूलो सुख में कभी, रहो सदा गंभीर ।।
रचनाकर
अन्नपूर्णा बाजपेयी अंजू
कानपुर-
30 JUL 2020 AT 8:05
गुरु की हो जब वंदना, मिले शिष्य को प्राण ।
गुरु ने ही जीवन दिया, अद्भुत नेक प्रमाण ।।
प्रतिपल आते याद हरि, जब- जब होती पीर।
मत भूलो सुख में कभी, रहो सदा गंभीर ।।
रचनाकर
अन्नपूर्णा बाजपेयी अंजू
कानपुर-