हलचल इस शाम मौसम में मची है ,
हलचल इस शाम मौसम में मची है;
दिल तो शांत बैठा है
बस रूह मचल उठी है।
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छोड़ कर बहाने की बैसाखियों को
हौसला बाज की जो रखते है,
चीर कर तूफानों को
लक्ष्य को वही पाते हैं।
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हर चोट को जो सह लेते थे
आज कमरे में बन्द पड़े है,
मत पूछो हाल उनका
आज वो अपनो को खो पड़े हैं।-
हो गई है आशिक़ी उस सुरत से
उस मूरत से उस मिट्टी से,
जिस मिट्टी पे मैंने जन्म लिया,
नौजवान हूं इस देश का
क्यों भटकूं किसी औरों के भेष पे।
धधक रही है जो अंगारे अब सीने में,
चीर दूं दुश्मनों का सीना मां की लाज बचाने में;
चुकानी है कर्ज मिट्टी के हर कण कण का
हाथों में हथियार लिए
कर दूं संहार दुश्मनों का।
कितनों ने ही अपने प्राण गवाए,
जिस मिट्टी से जन्मे उन्हीं में समाए।
ख्वाहिश एक मैंने भी पाली है,
दो गज कफ़न ना मिले तो अफसोस नहीं
मेरे लिए तो तिरंगा ही निराली है।-
जीवन शैली के परिवर्तन का नाम है एनएसएस,
व्यक्तित्व विकास का नाम है एनएसएस।
साझा करूं कुछ अपनी ही जुबानी,
याद आती है वो १० दिनों की कहानी।
जहां ज़माने से जीतना था,
सूर्य को हराना था,
प्रभात फेरी -"उठ जाग मुसाफिर" से शहर को जगाना था।
नाश्ते में पूरियों के लिए लड़ाई
और पानी वाली चाई की बुराई
ये तो रोज़ का काम था,
फिर भी साथ में मिलकर रहना, ये एनएसएस का देन था।
परेड का हो मैदान या हो श्रमदान,
पसीना तो दोनों में बहाना था,
व्हाइट टाइगर से राजपथ के मरकज बनने का सफर कहां इतना आसान था।
रातों की वो अधूरी नींद बौद्धिक सत्र में ही पूरी होनी थी,
परिवार से दूर रह कर भी परिवार कि कमी कहां महसूस होती थी।
सांस्कृतिक कार्यक्रम के रंगमंच पर होते थे अनेकों परिधान,
यही तो है एकता का प्रतीक - हमारा देश भारत महान।
🇮🇳जय हिन्द।🇮🇳जय भारत।🇮🇳
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Every morning starts with the good vibes of you
And ends with the thought for what you left away.-
उलझे मन को सुलझाता है तू,
घर में खुद लड़ाई कर
ज़माने से बचाता है तू,
हमारे हाथ के बने व्यंजन की कभी तारीफ ना कर
फिर भी सबसे ज्यादा उसे खाता है तू,
जब ज़माने पूछे है कौन ये व्यक्ति
गर्व से उसे बताऊं मेरा भाई है तू।-
ज़ुबान पे मीठी शक्कर और पीठ पीछे छुरा घोपना,
ये तो अपनों का काम है;
राह में पैर फिसल जाए तो आज भी अजनबी की जुबान से आह निकल आती।-
Walking along the sides of river
Birds chripped and left their feather;
Holding breathe , holding hands
The only heart unhold;
No fear, no tears
The only wish was to stay together for year.-
उन्हें डर है कहीं मैं उनसे नफरत ना कर बैठी,
हालात से बेखबर वो नासमझ है;
बनानी थी जिसे मोहब्बत को जावेदा
वो अलविदा कैसे कह देती।-