श्री कृष्ण को जैसे नाम मिला था मुरली मनोहर
और मातपिता के रूप में मिले यशोदा और बाबा नंद
और वैसे ही मेरे एक परम मित्र है मेरे एक देवधर
आज है उनका जन्मदिन जिनका नाम है भाई शिवानंद-
मेरे बाद अगर किसी को, मुझ जैसा पाओ तो
मेरे बाद किसी के साथ, मुझ जैसा मत करना-
वैसे है थोड़ी चंचल और रहती है अक्सर मायूस सी
लेकिन हमारे कॉमर्स बैच में टॉपर है केवल हिमांशी-
मेरे दिल की उम्मीदों का हौसला तो देखो
इंतजार उसका है जिसे मेरा एहसास भी नहीं-
टूटे हुए कांच की तरह इस वक्त चकनाचूर हो गया हूं मैं
किसीको चुभ ना जाऊं मैं इसलिए सबसे दूर हो गया हूं मैं-
हम झूठे लोगों के बीच में सच बोल बैठे
नमक का शहर था और हम जख्म खोल बैठे-
हाथ पकड़ ले मेरा अब भी तेरा हो सकता हूं मैं
भीड़ बहुत है इस मेले में खो भी सकता हूं मैं
और पीछे छूटे साथी भी मुझको याद आते हैं
वरना इस दौड़ में भी सबसे आगे हो सकता हूं मैं-
नफरत लाख मिली मुझे लेकिन चाहत नहीं मिली
जिंदगी बीत चली पर गम से राहत नहीं मिली
उसकी महफिल में हमने हर शख्स को हंसते देखा
एक हम थे जिसे हंसने की भी इजाजत भी ना मिली
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वक्त से पहले मैं हादसों से लड़ा हूं
मैं अपनी उम्र से कई साल बड़ा हूं।-