Anmol Kumar  
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Joined 13 March 2023


Joined 13 March 2023
31 AUG 2023 AT 21:52

एक सोच के अकेले हि अच्छे है
एक ख़्वाहिश की कोई चाहने वाला होता

एक सोच की ज़रूरत नहीं है किसी की
एक ख़्वाहिश कि कोई निभाने वाला होता

एक सोच कि ग़म अकेले झेल लूँगा मैं
एक ख़्वाहिश की कोई गले लगाने वाला होता

एक सोच कि दाग ही तो होता है चाँद में
एक ख़्वाहिश की काश कोई चाँद हमारा भी होता

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3 AUG 2023 AT 0:13

एक उजड़े मकान को फजीन कर दे….

एक उदास चेहरे को ज़रीन कर दे….

ख़ूबसूरती ना चेहरे में होती हैं ना लिबास में….

निगाहें जिसे चाहे उसे हसीन कर दे…

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15 JUL 2023 AT 23:28

एक आम सी लड़की के साथ ख़ास ख़्वाब सजाते हैं

किसी एक के कदमों के नीचे अपना सारा संसार बिछाते है

और कद्र होनी चाहिए इश्क़ में पड़े लड़कों के नज़रों कि

एक साधारण से चेहरे को भी ये चाँद बुलाते हैं

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11 JUL 2023 AT 12:48

हर शख़्स सीखाता हैं नया तजुर्बा यहाँ
हर शख़्स यहाँ एक शिक्षक हैं

हर कोई लेता है परीक्षा तुम्हारे धैर्य की
हर एक इंसान तुम्हारे धैर्य का रक्षक हैं

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6 JUL 2023 AT 14:04

है इश्क़ अगर ज़हर
तो क्या हर्ज है ज़हर पीने में

हो रहा मौत का ख़ौफ़ मुझे
क्योंकि अब मज़ा आ रहा हैं ज़िंदगी जीने में

मोहब्बत बेशुमार हैं तुमसे
चलो एक काम करता हूँ

मर जाता हुं तुमपे
बताओ दफ़नाओगे अपने सीने में…..

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21 JUN 2023 AT 13:36

जो दिल ने चाहा वो मिला, नहीं
जो दिमाग ने सोचा वो हुआ, नहीं

क्या जिंदगी तबाह हो गई, नहीं
क्या मंजिल फना हो गई, नहीं

क्या गम हि दिल की हसरत है, नहीं
क्या किसी से तुमको शिकायत है, नहीं

तो जिंदगी को क्यों नहीं जीते हो
क्यु गम के कड़वे घुट पीते हो

चलो जिंदगी को सवारा जाए
गम से खुद को निकला जाए

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9 JUN 2023 AT 23:01

खुद को कभी खुद की नजर से नहीं देखा

जब से कमाने लगे हैं जी भर के घर को नहीं देखा

बड़ी इमाऱते सज़ते मीनार देख रहे हैं दुसरे शहरो के

मगर एक अरसा बित गया अपने शहर को नहीं देखा

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13 MAY 2023 AT 16:59

काश तुम्हारी मौत सी फितरत होती

एक बार जिंदगी में मिलती तो जरूर

तुम तो यार जिंदगी की तरह निकले

जो एक दिन साथ छोड़ ही देती है

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9 MAY 2023 AT 1:21

आंखें लड़ी दिल मिले, होठों से इजहार हुआ था

साथ रहे साथ घूमे, तो ये है कि उनको प्यार हुआ था

समाज दुश्मन बना, समाज के आगे झुकना पड़ा

यानी समाज की तरफ से, उन पर अत्याचार हुआ था

पिता के कहने पर लड़की ने, कर ली किसी और से शादी

मगर माँ इस कहानी में, लड़कें के साथ क्या हुआ था

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9 MAY 2023 AT 1:01

जहाँ से आ गए हैं उस जहाँ की याद आती है
कि हम उर्यां-सरों को साएबाँ की याद आती है

जहान-ए-महफ़िल-ए-शब में सभी आँखें भिगोतें हैं
सभी को अपने अपने रफ़्तगाँ की याद आती है

वहाँ जब तक रहे तब तक यहाँ की फ़िक्र रहती थी
यहाँ जब आ गए हैं तो वहाँ की याद आती है

ये शहर-ए-अजनबी में अब किसे जा कर बताएँ हम
कहाँ के रहने वाले हैं कहाँ की याद आती है

उदासी के सबब दो चार गम होते तो कह देता
फलां को भुल बैठा है, फलां की याद आती है

~ आशू मिश्रा

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