लफ़्ज़ों में कैसे लिखुं तुम्हें
तुम मेरी अधूरी मोहब्बत के
गवाह जो हो
कहीं तुम इस दुनिया में
मुझें दुबारा , कही किसी मोड़ पर
कही किसी के साथ
अपने नये हमसफ़र का हाथ
पकड़ते हुए,
हसते हुए,
मुझे अपना अतीत बनाते हुए ,
आगे बढ़ जाओगे,
लेकिन मेरे लिये अभी भी वही
एहसास हो ,
जो कभी ना भूलने वाला
ख़्वाब हो ,
समझ नहीं आता कैसे तुम्हें
लफ़्जो में तुम्हें लिखूँ …….
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Everyone has a story 😎everyone is writer 💬some can define ... read more
दिल पर दस्तक दी है किसी ने
कोई अनजान- सा शख़्स
जाना पहचाना- सा लगता है
जैसे किसी किताब में
पुराने फूल की तरह
मुरझाया हुआ सा लगता है-
कोई दूर है तो कोई पास ,
ज़िन्दगी में कई बार कम
पड़ जाते है अल्फ़ाज़ ,
कोई दूर रहकर भी
अपना सा लगता है ,
और कभी साथ में रह रहा
इंसान भी अनजान नज़र आता है
फ़र्क़ बस मिलने के अन्दाज़ का
पड़ता है ………..-
मेरी एक मुश्किल भरी ज़िंदगी का हिस्सा हो तुम ,
जिसे केह ना सकूं वो क़िस्सा हो तुम ,
माना उथल पुथल सी है छोटी सी दुनिया मेरी,
लेकिन इस शोर भरी आवाज़ों में ,
मेरी सुकून भरी धुन हो तुम….-
क्या हुआ अगर ,
ज़िंदगी भर साथ ना रह पाए,
कमस कम उनकी कहानी का
हिस्सा तो बने….-
कुछ ख़्वाब है , कुछ उम्मीदें
लेकिन पाँवों में समाज की ज़ंजीरे हैं
सोचती तो बहुत कुछ हूँ,
पर सहम के ठहर जाती हूँ
बढ़ना तो चाहती हूँ ,
लेकिन हिम्मत ना पाती हूँ
ऊँचा तो बहुत हैं आसमान
बस उस आसमान को पकड़ना चाहती हूँ
अपने ख़्वाबो को हक़ीक़त में
तबदील करना चाहती हूँ ….-
टूटे हैं कई बार ,
कारण सिर्फ़ एक हैं,
पूछो तो बताए,
कातिल सिर्फ़ एक हैं।।-
एहसास अब जताती नहीं,
और अल्फ़ाज़ों से छुपाती नहीं,
अगर रहने लगता तू साथ मेरे,
तो मैं यह आंसू अपनी आंखों से छलकाती
नहीं........-
Woh bhi ek waqt tha ,
Jab meri nind unke phone se khula krti thi...
Or ab ek wqt h ,
Ki unki awaz sune bina nind ati nhi.......
Woh bhi ek waqt tha,
Jab woh mujhe apni baho mein bhr kr rakhta tha,
Or aj ek waqt hai,
Woh haath bhar bhi nhi pkdta mujhe.....
Woh bhi ek waqt tha,
Jab woh mujhe ankh bhr dekhta tha,
Or aj ek wqat hai,
Woh ankh uthake tk nh dekhta......
Woh bhi ek waqt hua krta tha ,
Jab hum dur hokr bhi paas hua krte the.......
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मैं अपनी मोहब्बत में थी,
और वो अपनी ज़िद में
शायद इसीलिए मैने,
प्यार किया,
और उसने सिर्फ इकरार।।।।-