खुशियां हैं हर ओर ही लेकिन
कुछ कमी सी दिखती है
अब तो सभी की आंखों में
हर रोज़ नमी सी दिखती है-
बहुत बहुत धन्यवाद आपका मेरी profile पर आने के लिए...
हाँ ! मैं कोई ब... read more
होली बदली साल बदला
अपना भी कुछ हाल बदला
रंग तो वही पुराने हैं पर
रंगने वाला हाथ बदला
खुशियां हैं हर ओर ही लेकिन
कुछ कमी सी दिखती है
अब तो सभी की आंखों में
हर रोज़ नमी सी दिखती है
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तनहा हूं ज़िन्दगी के सफर में साथ मिलेगा क्या
ये हाथ बहुत अकेले हैं हाथ मिलेगा क्या
सफर बहुत सुहाना होगा वादा करता हूँ
तुमसे इश्क़ भी जाना हद से ज्यादा करता हूँ
अब अपने मुंह से क्या बतलाऊं
तुम महसूस नहीं करते क्या
सब कुछ तो मैं लिख देता हूँ
ये सब तुम नहीं पढ़ते क्या
चलो इक खत और लिखूंगा मैं भी
फिर कबूतर इश्क़ का भेजूंगा
तुम छत पर खड़े रहना जाना
मैं अपनी छत से देखूंगा-
फेसबुक इंस्टा भी ढूँढ चुका था
ट्वीटर पर भी घूम चुका था
दर्शन को नैना तरस गये थे
आँसू भी इनसे बरस गये थे
मुझे कहीं नज़र नहीं आती थी
ऐसे ही हर रोज़ सताती थी
फिर इक दिन मुझको मिल ही गयी
इस दिल की कलियां खिल ही गयीं
तब मैनें उस पर वार किया
अपने लव का इजहार किया
और उसने किया इक मैसेज सैन्ड
आई लव यू "अनमोल" बट 'एज़ अ फ्रैन्ड'-
हाल ए दिल आंखों में मेरी दिखता तो होगा
वो शख़्स भी मेरे लिए कुछ लिखता तो होगा
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सच सुनना पसन्द है मुझको, झूठ के बिल्कुल खिलाफ हूँ
सूरत अच्छी नहीं है माना, दिल का लेकिन साफ हूँ
चालाकी भी कुछ कम है मुझमे, भरोसा भी जल्दी करता हूँ
बस यही पाप पुण्य हैं मेरे, बस इन्हीं का फल मैं भरता हूँ
ज़्यादा कुछ खास नहीं है मुझमे, बस किसी का दुःख नहीं देखा जाता
जो फूल लिए खड़ा हो हाथ में, उस पर पत्थर नहीं फेंका जाता
दिल दिमाग़ की जंग में अक्सर, दिल की ही मैं सुनता हूँ
किस्से, कहानी और किरदार, इन पंक्तियों में ही बुनता हूँ
अल्फाज़ों की कमी है लेकिन, जज़्बातों से भरी दुकान हूँ मैं
आप लोग जैसा भी समझो, बस ऐसा ही इंसान हूँ मैं-
किसानों की फसल वैसे तो पानी को तरसती है
टपकती झोपड़ी के ऊपर क्यूँ ये मेघ गरजती है
प्रजा के ज़ख़्म नहीं दिखते कभी सरकार को लेकिन
प्रशासन की कृपा हर रोज़ महलों पर बरसती है
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तुम मेरी वही मनपसन्द किताब हो...
जिसे बार बार पढ़ने को जी चाहता है...
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