आज मैं कोई कविता नहीं लिखूंगा
कुछ बातें करनी है मुझे आप से
अभी घड़ी में पौने 1 हो चले है
दिन भर की थकान है फिर भी नींद नदारत
तो इस जादुई यंत्र से मैने आज कई सालो facebook को खोला, जी हां वही जिसे हम fb bhi kehte थे।
काफी बदला बदला लगा, शायद या हम ही इतने updated नहीं है
बहरहाल कुछ पुराने chats पढ़ी मैने और किसी timemachine में बैठ कर पहुंच गया 10 साल पीछे
College के लेक्चर्स के दौरान की गई chat
Crush को hi बोलने की हिम्मत जुटाने वाली chat
Mass bunk की योजना बनाने वाली chat
और ना जानें क्या क्या
चहरे पर मुस्कान थी पर अंदर कुछ खालीपन सा भी था।
शायद अब सब अपनी दुनिया में मसरूफ है
अब सब ही अपने स्तर पर कुछ अच्छा कर रहे है
और बाकी insta तो हमने कभी अपनाया ही नही
शायद career और life को बेहेतर करने में ही समय निकल गया।
इसलिए instagram से ज्यादा सहज linkedin लगता है।
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