उम्मीदों का बोझ उतार कर तो देखो जनाब,
रिश्ते निभाना आसान हो जाएंगे।-
Ankush Khurana
(ankhu©)
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शब्दो का समंदर है yourquote
हम उसके बहुत छोटे से मोती
क्या बयाँ करना खुद को , quotes पढ़ कर अ... read more
हम उसके बहुत छोटे से मोती
क्या बयाँ करना खुद को , quotes पढ़ कर अ... read more
Joined 4 October 2018
7 NOV 2024 AT 21:08
7 MAR 2024 AT 9:41
टूट गया कुछ
छूट गया कुछ
जो बचा कुछ
उसमें रूठ गया कुछ
कुछ पाने की ख़ातिर
छोड़ दिया बहुत कुछ
वो कुछ भी आख़िर चला गया
जब नही था बहुत कुछ-
6 MAR 2024 AT 21:47
जाने कैसी मजबूरी है ।
बेच रहे रोज ज़मीर को यूं
क्या पैसा इतना जरूरी है ।।-
2 MAR 2024 AT 21:10
इक आवारा अंतर्मन की पीड़ा को,
मरहम लगा के मिटाये कौन ।
बारिश की भीगी लकड़ी से,
घर का चूल्हा जलाये कौन ।
है टूट गया ये दिल अकेला
रूठे चेहरों को मनाये कौन ।
जल रही इस दुनियां में,
दूसरे घर की आग बुझाये कौन ।
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19 AUG 2021 AT 17:29
किसी के आ जाने से ना दिन होता है
ना किसी के जाने से रात होती है
गजब तमाशा है दुनियाँ का
यहाँ सिर्फ पैसे से बात होती है-
30 SEP 2021 AT 10:03
आयी थी उम्मीदे भी दहलीज पर हमारी
ना जाने क्यों हमने दरवाज़े ही बंद कर दिए-