Thought of d day....
खालीपन.....
बहुत भरा हुआ होता है।
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बाप ने कतरा कतरा बेच कर कमायी थी।
और बेटी एक चोक्लेट में बेच आयी।।।।-
तुम्हारे बाद ये दुख भी तो सहना पड रहा है,
किसी के साथ मजबूरी में रहना पड रहा है।
मुझे बातें नहीं तेरी मोहब्बत चाहिए थी,
मुझे अफसोस है कि मुझे ये कहना पड रहा है।।-
हाथ पकड ले अब भी तेरा, हो सकता हूँ मैं।
वर्ना भीड बहुत है, इस मेले मे खो सकता हूँ मैं ।
और
पीछे छूटे साथी मुझको याद आते है
वर्ना
इस दौड़ में सबसे आगे हो सकता हूँ।-
उसकी उडी नींदों के चर्चे हैं, मैं रात भर जागा नहीं दिखता ?
उसकी उडी नींदों के चर्चे हैं, मैं रात भर जागा नहीं दिखता ?
उसकी कामयाबी पर ताली बजाने वालों, तुम्हे उड़ती पतंग दिखती है धागा नहीं दिखता??*-
एक बात पूछनी है तुमसे
इश्क़ हो रहा है तुमसे,
क्या किया जाये???
रोके खुद को या होने दिया जाये।।।।-
खामोशी से मतलब नहीं, मतलब तो बातों से है।
दिन तो कट ही जायेंगे , मसला तो रातों से है।-
कब्र की मिट्टी हाथ में लिए सोच रहा हूँ गालिब
लोग मर जाते है तो गुरुर कहाँ जाता है।-
जिसको जो कहना है कहने दो,अपना क्या जाता है।
वक्त वक्त की बात है, और वक्त सबका आता है।-