राष्ट्र के मूर्ख लोग केवल सैना पर गर्व करते है, और सच्चे नागरिक राष्ट्र की तरक्की में सहभागी बहनते है।— % &
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|| यह तो सबकी बीमारी है ||
तुम कह दोगी
तुम्हे तो बस जिस्म चाहिए था...
मैं मान लूंगा...
यह तो सबकी बीमारी है।
तुम कह दोगी फिर से
लाओ मेरे चंद रुपये तुम्हे तो बस धन चाहिए था...
मैं मान लूंगा...
यह तो सबकी बीमारी है।
तुम कह दोगी कल को
बिता कर मेरे साथ प्रेम के पल, बस तुम्हारा तो टाइम पास था...
मैं मान लूंगा...
यह तो सबकी बीमारी है।
तुम्हे अंत मे यह कहना ही है
नही कर सकते इच्छा पूरी, साथ यहीं तक था...
मैं मान लूंगा...
यह तो सबकी बीमारी है।
जिस्म का गुन्हेगार बनाया, धन का भी कहा चोर,
समय बिताने वाला कह ही दिया, और साथ दिया छोड़...
यह तो सबकी बीमारी है।
जिस्म, धन, समय और साथ सब एक साथ था, कोई एक अकेला नही होता, लेकिन...
मैं मान लूंगा...
यह तो सबकी बीमारी।
हाँ यार... यह तो सबकी बीमारी है
हाँ यह सबकी बीमारी है।-
हर रिश्ते की अलग अलग सीमाएं होती है, लेकिन जब बात आत्मसम्मान की हो तो वहां रिश्ता समाप्त कर देना ही उचित है...
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लम्हें मुलाकात के आये तो, रंजिशें भुला देना...
किसी को नहीं खबर कि सांसों की मोहलत कहाँ तक है....!-
इंतजार का मतलब उनसे पूछिए...
जिनको पता हो के मिलना नसीबो में नहीं
फिर भी इश्क़ किये बैठे हैं...-
जो आपके शब्दों का मूल्य नहीं समझता...! उसके सामने मौन रहना ही बेहतर है।
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मसला यह नहीं कि
वह परवाह क्यों नहीं करते...
मसला यह है... कि
हमें उनसे उम्मीद ही क्यों है...-
हम समस्याओं से लड़ते है,
तो समाधान से दूर हो जाते है,
समस्याओं की जड़ ही काट दो,
ताकि दोबारा पनपे ही ना...-
जो लड़की मास्टर डिग्री लेकर भी,
एक काले धागे पर विश्वास करती हो,
वह देश व समाज को,
पाखंड मुक्त कैसे बना सकती है...?
Happy international women day-