चल चलें कहीं जहां रास्ते ना हो खत्म
ढूंढलेंगे मंज़िल एक नई बेफिक्र रहो सनम-
ज़िंदगी का सफर यूं इस तरह है जनाब
एक पल में सुख, एक पल में दुख और
एक पल में सब खत्म-
अक्सर मैं किसी के अक्स को अपने पास पाता हूं
क्या, ये वही है जिनके खयालों में मैं खोया रहता हूं-
तलाश है मुझे खुद की पर ढूंढता हूं तुझमें
चाहत तेरी मोहब्बत की और सिमटा हूं तेरी नफरत में-
अकेले आसमां से लिपटे हुए ये बादल
आज मेरी तन्हायियों में, ये मेरा साथ दे रहे हैं
तुझे देखकर अकेला महसूस करता हूं मैं
ना जाने फिर क्यों,
ये मेरे दर्द-ए-दिल को अपना मान कर बरसते जा रहे हैं
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कौन कहता है कि बुरा कमबख्त वक्त होता है,
बुरे तो वो होते हैं जो इस समय साथ छोड़ जाते हैं
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रिश्ता एक ज़िम्मेदारी होती है, इसलिए नहीं निभाया जाता
रिश्ता दिल का होता है, इसलिए निभाया जाता है-
तुम्हें देखकर मुझे आज भी ये एहसास होता है
कि मैं अभी भी अधूरा हूं तेरे बिन-
उन कुछ लम्हों का मैं शुक्रगुजार हूं
जब हकीकत में कुछ दफा वो मेरे सामने थी
हाल-ए-दिल भी अब मैं क्या ही बयां करूं
बस वो हमारी पहली और आखिरी मुलाकात थी-
रिश्ता सिर्फ एक ज़रूरत का है
ज़रूरत किसी के प्यार की
ज़रूरत किसी के साथ की-