उम्र गुजर जाती हैं लोगों की,
दूसरों का वजूद कुरेदने में,
इतना कभी खुद को तराशा होता,
फ़रिश्ता बन गए होते।।-
अब हम कोई मंझे हुए शायर तो है नही पर हाँ कुछ ना कुछ टूटा फूटा तो लिख... read more
छोड़ दो उसे उसके हाल पर,
तुम्हें इल्म भी न हो शायद जिसके हाल का,
किसी दिन ऐसा न हो,
तुम बस छेड़ते रह जाओ,
और वो तुम्हें छोड़ कर चला जाएं।।
🙏🏻💐-
लड़कपन की भूल थी,
जवानी आते-आते गुनाह हो गई।
ये कोई आसां जुर्म नहीं जो फख़्त आब-ए-ज़मज़म से धुल जाएं,
ये वो अज़ाब हैं साहब जो क़यामत तक साथ जाएगा।।-
जिंदगी ने मजाक बनाया है हमारा तुम हंसते हो तो बड़ी बात कैसी?
और अब तो आदत सी हो गई है हर पल रोने की,
कभी बेवजह आंसू छलक भी आएं तो हैरत है कैसी।
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या खुदा! अब जिंदगी से रुखसत कर या मेरे मुताल्लिक जिंदगी अता फरमा।
ये दिखावे और समझौते के लिहाफ़ में लिपटी जिंदगी मुझे गवारा नहीं।-
बेरुखी की तपिश से कल वो बूढ़ा दरख़्त सूख गया था।
सुना है आज फिर उस बाग में कोई कली मुरझाई हैं।।-
कैसे हुआ तू पाक साफ तूने भी तो जी भर के मुझे छुआ था,
बेशक सिर्फ एक दिन एक रात थी वो पर तू मेरा भी तो हुआ था,
मुझे रंडी कहने वाले बेशक कह लें हां कुछ पल को बाजार में जाकर बैठी थी मैं ,
पर भूल मत उस खरीदारों की मंडी में तू भी तो खड़ा हुआ था।।-
तू मुझे क्या सिखाएंगा मोहब्बत क्या होती है,
अरे तू तो वो हो जो हर निखरते जिस्म पर मर मिटता है।।-
किसने हक दिया तुम्हें मुझे हर्राफ़ा कहने का,
याद रखना....
हमबिस्तरी हमेशा से आपसी रजामंदी का नाम हैं।-
सुना है कल वो पूरा बाग़ सूख गया माली की रोज की जली-कटी सुन सुन कर,
रुको!
सुना है तुम्हारा दिल भी फूलों सा नाजुक है ना।-