अगर तुम शब्द होते तो यादों के दोनो अक्षर तुमसे लिपटे होते,
और सुकून के तीन अक्षर तुम्हारे बालों में सिमटे होते, शायरों की कलमें तुम पर आकर रुकती,
कवियों की हैरान नजरें हज़ारो तुम्हारे पन्ने पर झुकती,
और पाठक लाखों मदमस्त हो रहे होते,
अगर तुम शब्द होते...
अगर तुम शब्द होते तो हुस्न और तकलीफ के पर्यायवाची एक साथ होते,
और दिल के दो अक्षर टूट कर तुमसे लिपटे रोते,
अगर तुम शब्द होते तो हर गीत का पहला लब्ज़ होते, सदियों की दास्तान बहती है जिसमे वो नब्ज़ होते,
अगर तुम शब्द होते....❤️
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