आता है खुद को बर्बाद करना
हसरत बस इतनी की तू देख ले-
बड़ी दीवारें ही तो
रास्ते साफ़ करती हैं
इश्क के फलसफे किसके
रास्ते हैं रास्तों को साफ करते हैं।
उनसे पूछ लो इश्क क्या है
गुन्नहा है या ये सब इबादत है
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इशारों में जो बात होती है
लाजमी है कि मतलबी होती है
वो समझते हैं समझते हो ना तुम
हर लफ्ज़ ही तो कहानी बयां करता हैं
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दफ्न कर दो इश्क आया है
हर बार की तरह अश्क लाया है
आदतन फिसलते थे तो अच्छा था
ये तो हकूमत अपनी लाया है
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इश्क को तो बस नजरें चाहिएं
करने वालों कों बस प्यार चाहिए
हुस्न का क्या है दिलकश है
उड़ने वालों को रास्ता चाहिए
कहीं जिक्र ए हकुमत या मुकमल इश्क
उड़ने वालों का रास्ता ही मुकमल है
(उड़ने वाले =मकुमल इश्क करने वाले)
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अश्क
होश में मद होश
हर तरफ बेखौफ
तर्क को बंदिशें
हर तरफ ही जोश
क्या कहें इश्क तुझे
हर तरफ ही अश्क
हर तरफ ही अश्क
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कश्मकश है
रास्ते बहुत हैं मंजिल की तलाश है।
किस राह जाऊं यही कश्मकश है।।
कभी सोचता हूँ जीवन क्या है।
क्यों हूँ जिंदा यही कश्मकश है।।
हार जाऊं ऐसी तो मेरी आदत न थी।
इस हार में सकूँ है यही कश्मकश है।।
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Itna dard de kar bhi tum
kisi ka sahara na ban saki
Tera kaya karun ae mohabt
Kisi ki na thi na kisi ki ho saki-