शिकायत नहीं मुझे ज़माने से गुफ्तगू करने में,
डर है कि तेरे चर्चे से फिर दिल बेसब्र न हो जाए...
तूने रिहा किया है, तो हर खुशबू से दूर रहता हूँ,
अब तेरे ख़्याल से ही ये फिज़ा इत्र न हो जाए...!!-
मैं आशिक ही ठीक हूँ...!!
तूम बन जाओ महबूब,
मैं शायर ही ठीक हूँ...!!
:-@sangwa... read more
बिछड़ के भी तुझसे ये कैसा वास्ता है मेरा,
सजदे में दुआ उठती है, कहीं हिज्र न हो जाए...
शब-ए-तन्हाई में कांटों से चुभते हैं मखमल,
दर्द में तेरे, ये शबिस्ताँ कब्र न हो जाए...!!-
अगर मैं तुमसे कुछ कह भी दु, तो भला क्या होगा,
तुम्हे तो मालुम ही है, तुम्हारे बिना मेरा क्या होगा...
चलो छोड़ो, जाने भी दो तुम खुद ही देख लेना के,
#sangwan बिन पानी इस मछली का क्या होगा...!!-
हाल कहने की किसे ताब इस आज़ार के बिच,
हाल रहता ही नही इश्क के बीमार के बिच...
हाल-ए-बद गुफतनी नही मेरा,
तुमने पूछा तो मेहरबानी की...!!
#MeerTaqiMeer-
खड़ी है दूर बहुत फिर भी पास लगती है,
लिबास-ए-ज़ीस्त में वो ग़म शनास लगती है...
हमारी तिश्ना लबी का लगाओ अंदाजा,
तुम्हारी आँखों में रेह कर भी प्यास लगती है...!!
:-@sangwan-
वो जैसी भी थी कमाल की थी,
कमी शायद कहीं मुझमें ही थी...
गर तारीफ करूँ उसके अंग-अंग की,
#साँगवान इश्क हो जाएगा कसम खुदा की...!!-
कागज पे लिखी गजल,
बकरी चबा गयी।
चर्चा पूरे शहर में हुयी,
बकरी शेर खा गयी॥-
मेरे बस में नहीं लफ्जों में बयाँ कर पाना,
यूँ समझ लो लफ्ज कम हैं इश्क ज्यादा...
अगर पढ़ सको तो पढ़ लो इन निगाहो से,
#साँगवान इजहार करता है मोहब्बत का...!!-
रही होगी जरूर कुछ तेरी ही खामियाँ,
दिल कहता है वो गलत नहीं हो सकती...
प्यार तेरे बस की बात कहाँ #साँगवान,
तुझसे तो यारी भी ना निभायी गयी...!!-