Ankur Sahu  
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Joined 14 August 2020


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5 MAR AT 22:10

हद थी हद से गुज़र जाने की,
कोशिश थी उनको मनाने की।
एक तरफ़ा था इसलिये वो मानी नहीं,
पर सच्चा था , कोई कहानी नहीं।
नेक था इरादा इसलिये डरता था,
चाहत थी वो इसलिये मरता था।
ज़ुबा पर रहता हर दम उसका नाम था,
शायद इसीलिये मैं उसको लेकर परेशान था।
इंतज़ार है अभी भी उसके जवाब का,
बहुत हसीन पल था वो मेरे ख़्वाब का।

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1 JAN AT 0:00

नए साल की दहलीज़ पर खड़े हैं,
सपनों के जाल फिर से जुड़े हैं।
कभी हंसी, कभी ग़म का दौर होगा,
जीवन का हर पल अनमोल होगा।

सूरज की किरणें नई रोशनी लाएंगी,
अंधेरों में उम्मीदें जगाएंगी।
जो खोया वो सबक बन जाएगा,
जो पाया वो मुक़ाम कहलाएगा।

हर मुश्किल की राह से गुज़रना पड़ेगा,
कभी गिरकर फिर संभलना पड़ेगा।
साल नया है, हौसले पुराने,
जीत के होंगे सब किस्से सुहाने।

चलो बीते को याद कर मुस्कुराएं,
हर ठोकर को ताक़त बनाएं।
जीवन के हर रंग को अपनाएं,
तो आओ इस साल को गले लगाएं।

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10 OCT 2024 AT 7:42

उनकी ज़िन्दगी थी मेहनत का गीत,
सभी से मिला उन्हें प्यार और प्रीत।
उन्होंने देश को ऊँचाई तक पहुंचाया,
हर दिल में उम्मीद का दीप जलाया।

फिर एक दिन वो अचानक चले गए,
आसमान के तारों में कही खो गए।
पर उनकी रोशनी अब भी है यहां,
हर दिल में बसी उनकी दास्तां।

वो गए, पर नाम अमर रहेगा,
हर दिल में उनका असर रहेगा।
उनके कदमों के यहां निशां रहेंगे,
उनकी सोच से नए कारवां चलेंगे।

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6 OCT 2024 AT 21:41

नज़र को नज़र की नज़र ना लगे,
तेरे बिना दिल बेअसर सा लगे।
तू है जहाँ , वहीं जन्नत मिले,
कोई अच्छा भी इस क़दर ना लगे।
तेरे बिना हर ख़ुशी अधूरी सी है,
तेरे सिवा अब कोई बेहतर ना लगे।
जो तू पास हो , रोशन जहाँ लगे,
वरना तो हर शख़्स पत्थर सा लगे।

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4 OCT 2024 AT 18:48

इस दिल के अंदर एक अंधेरा छाया,
खुशियों का रास्ता मैंने खोया पाया।
सपनों की तस्वीरें सब धुंधली सी हैं,
जीवन की राहें अब मुश्किल सी हैं।

आंसुओं की धार से आंखें नम हैं,
हर पल लगता जैसे टूट रहा दम है।
खुशी की उम्मीद भी अब थम सी गई,
जैसे हर राह पे दीवार जम सी गई।

पर इस रात के बाद सवेरा भी आएगा,
उम्मीद का सूरज फिर से चमक जाएगा।
हर अंधेरा एक सवेरा लेकर आता है,
दर्द के बाद सुकून ही साथ निभाता है।

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29 SEP 2024 AT 22:54

सतयुग का समय था धैर्य और शांति,
हर मन में प्रेम और नैतिकता की वृत्ति।
सत्यम् शिवम् सुंदरम् था जीवन का सार,
प्रकृति के संग, मन को मिलता विस्तार।

कलयुग के समय में है बस भागदौड़,
प्रकृति से दूरी, स्वार्थ की होड़।
मानव ने खो दी धीरज की डोर,
हर क्षण अशांति, नहीं कोई ठौर।

तब था समय साधना और सत्कर्म की बात,
अब है दिखावे की दौड़, इच्छाओं की रात।
पर प्रभु की राह, आज भी वही है सरल,
प्रेम, शांति, सद्भाव में ही जीवन सफल।

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23 SEP 2024 AT 22:53

आपकी आवाज़ है दिल का सुकून,
हर सुर में बसी है जादू की धुन।
अरिजीत, आप हैं संगीत के सितारे,
आपसे सजती हैं दिलों की कतारे।

हर गीत में आपकी बसती है जान,
सुनते ही खो जाता है ये सारा जहान।
आपके सुरों में है जैसे कोई दास्तान,
हर शब्द से मिलता है दिल को अरमान।

संगीत की दुनिया में आप हैं सितारे,
आपके सुरों ने कई दिल हैं संवारे।
अरिजीत, आपके गीतों में है जादू,
जिसे सुनकर हर दिल हो जाता बेकाबू।

आपकी सादगी है सबसे ख़ास,
दिलों को छू जाता आपका हर एहसास।
आपके सामने खड़े होना है सपना,
आपके लिए कविता, ये छोटा-सा अपना।

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21 SEP 2024 AT 22:10

कृष्ण का चरित्र है अद्भुत कहानी,
ज्ञान का सागर, मूरत मनमानी।
मधुर मुस्कान, नयनों में चंचलता,
धर्म का पथ दिखाए हर पल सच्चा।

अर्जुन के रथ के सारथी बने,
गीता का ज्ञान जग में देने लगे।
धर्म और कर्म की राहें बताईं,
सत्य की ज्वाला हर दिल में जगाईं।

सखा भी बने, गुरु भी महान,
हर पल दिया धर्म का ज्ञान।
सर्वज्ञ, सर्वकर्ता, हर पथ के दाता,
कृष्ण से बड़ा ना कोई विधाता।

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19 SEP 2024 AT 15:31

नन्ही सी कली बनकर जब आई वो संसार,
माँ की गोद में खिली, जैसे धरती पर बहार।
बचपन की चंचलता, आँखों में सपने हज़ार,
खेलती, मुस्काती, हर दिन होता त्योहार।

युवावस्था में आई, बनी जीवन की रानी,
सपनों की उड़ान, दिल में थी कहानी।
कर्तव्यों का भार लिया, बसी अपने घर-द्वार,
ममता से सींचा, हर रिश्ता हुआ साकार।

बूढ़ी आंखों में भी, चमक वो वैसी ही रही,
संघर्षों की कहानी, चेहरे पर हर लकीर लिखी।
मुक्त हो गई जीवन से, मगर यादों में अमर,
नारी थी, नारी है, नारी का मान है अजर।

चाहे बेटी हो या बहन, पत्नी हो या माँ,
हर रूप में नारी, बनी जग का मान।
अंत तक रही वो, प्रेम और त्याग की मूरत,
नारी का जीवन, सदा रहेगा पूजनीय सूरत।

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19 SEP 2024 AT 12:10

In the city where the Ganges flows,
A shadow of pain and sorrow grows.
Kolkata cries, the night is still,
A silence echoes, against its will.

A heart once pure, now torn apart,
Injustice pierces like a dart.
The streets once bright, now filled with fear,
Her voice is lost, no one to hear.

But strength will rise, and truth will shine,
The night will pass, there’ll come a time.
When justice speaks, and hope’s reborn,
A brighter dawn, after the storm.

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