~ जन्म दिवस ~
आदरणीय नाना सा।।
देखो यह अनुपम अवसर आया ,आपने अपने ज्ञान से हमें हमेशा रोशन कराया।
कुशल व्यवहार से आपने सबका हमेशा विश्वास पाया,खुद तो आगे बड़े ही , साथ में दूसरों को भी आगे बढ़ना सिखाया।
कभी आपकी जागरुकता ने हमें बहुत कुछ सिखाया, तो कभी आपने अपने अनुशासन और कर्म कौशल ने जीवन की प्रतिस्पर्धा में हमें आगे बढ़ाया ll
कार्य कुशलता और लेखन में आपका कोई मोल नहीं , समय से काम निपुणता मैं आपका कोई जोड़ नहीं ।
विश्वास करिए, आपका हर जन्मदिन, हमें यह बात सिखाता है, की हमारे जीवन में हो जितने पतझड़ ,आकाश के सामान आपका आंचल, उनमें फूल उगाता हे ||
अनकहे अनसुने अल्फाज।
अंकुर ।।
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ढलती रात का मै हू एक मुसाफिर,
कल कल करते आज को ना जी सका ||
हर रिश्तों को सम्भाला था मैंने दिल से ,
तन्हाई पर मैं फ़िर भी अकेला रह गया ||
अश्कों को मे बंद करके अपने सपने,
दूसरों के मुक्कमल करने कर चला ||
फिसलती पहर सा जैसे अपना जीवन ,
सुबह होते ही अलविदा कह चला ||
| अंकुर |-
देखों कोई खुदा बनकर आया है, अपनी ख्वाहिशो को दबाकर मेरी हसरतो को उसने मुक्कमल कराया है ||
देखों कोई कोई खुदा बनकर आया है ,चैन से मुझे सुला कर, जो खुद जग जाया हैं ||
देखों कोई कोई खुदा बनकर आया है , जिसको मेरी हर कामयाबी मैने मुझसे ज्यादा खुश पाया है||
देखों कोई कोई खुदा बनकर आया है ,मेरे हर संकट मै जिसको मैने ढाल बनकर अपने सामने पाया है||
एक एहसास मेरे रब ने मुझे कराया हैं , जिसको ढूँढता हु मे हर जगह वो तो खुद मेरे घर पिता के रूप मै आया है||
जन्मदिवस मुबारक पापा ||
अनकहे अनसुने अल्फाज | अकुर
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Zameen par aasman maangta hu,
Aur aasman mai zameen maangta hu,
Hey maula, jo munasib hai woh dena
Mai toh bewajah kuch bhi maangta hu!!-
जब आपकी आवाज किसी को दखलंदाजी लगे तो तोहफे में उसे खामोशी दे दो।
क्योंकि जो खामोशी से सह गया, वो निखर गया, और जो भावनाओं में बह गया वो बिखर गया।
और जब खामोशी कमजोरी बने तो तोहफे में उसे मुस्कराहट दे देना क्योंकि जब मुस्कान खामोशी की परछाई बने तो हर अल्फाज भी गूँज लगे।
अकुर
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ख्वाहिशो का निवाला ll
अपनी किस्मत को धन के तराजू में ना तोल तू ॥
तेरे मुकददर है वो को किसी कि बदनसीबी ना उसे बोल तू ॥
दो दिन कि ये शोहरत है,एक पल में बदल जाएगी,
धनवान रहेगा वही जो धन दूसरों के काम आएगी।।
जो मिला उसका हमेशा ऐतबार कर, जिन्हें नहीं मिलता उनका भी ख्याल कर,याद रख तेरे फेंका हर झूठा कचरे मैं जाता है,और वो किसी भूखे गरीब का ख्वाहिशो का निवाला बन जाता है।।
~ अनकहे अनसुने अल्फाज ~
अंकुर
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हे रब्बा तेरी इस दुनिया का मंजर बहुत निराला है जब तू ही हमारा पालनहारा,फिर भी क्यूँ कोई दुश्मन तो कोई प्यार करने वाला है?
जब तु ही दिन को रात और रात को दिन बनाने वाला है,तो भी क्यूँ ये खुशिया और गम सिर्फ दो पल ही रहने वाला है?
जिस रोशिनी को तलाश रहे है हम मन्दिर और मकबरों मै,वो जुग्नू बनकर हमारे दिलो में ही तो रहने वाला है।
हे रब्बा तेरी इस दुनिया का मंजर बहुत निराला है जब तू ही सबकी किस्मत लिखने वाला है तो फिर क्यू कोई बदनसीब तो कोई मुक्कदर का सिकंदर बनने वाला है।
~अंकुर
अनकहे अनसुने अल्फाज
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Inspiration #Grandpa #Aug 02
"Abhyankar Shubkarak ho..
Shubh din tumhay mubarak ho..."
"2 aug kehtay hai tujhko..lekha jokha karne aaya..."
"Arey bata dai ankur pyaare...kya khoya kya tumnay paaya.."
"Janamdin mahapursho ka priye..Humay yeh shiksha dete hai...
"Hum bhi apna jeevan pyaare unkay jaisa kar saktay hai..."
"Choti choti bhoolo sai priye ..dhyaan kabhi hatnay naa paaye..."
"Aisa ho vyhvaar tumhara ..geet tumhare dharti gaaye..."
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कोशिशो के गर्दिशो में अपनी मेहनत का परचम चमका दो, भविष्य के तारे की ख्वाहिशो के लिए पहेले अपने आज को तो सुनहरे बना दो।।
लंबा है रास्ता, जीवन को अपने हालातों पे ना छोड़ तू
मिल जायेगा रास्ता, खुद पर कर यकीन तू।।
भटक भी जाये तो क्या मिलेगा तजुर्बा तुझे,गुमराह रहे वो और क्या जो घर से निकल भी ना सके।।
कोशिश करो ऐसी सदा,की हर जीत में जयकार सुनें
फिर हार भी गए तो क्या, ख़ामोशी भी गूँज लगे। ।
अनकहे अनसुने अल्फाज
~ अंकुर ~
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~ बहन की शादी।।
यह पल शुभ्कारक हो। ऋषभ और दीपशिखा आपको यह जीवन भर का अनुपम गठबंधन मुबारक हो ।।
दीपशिखा कहते है तुझको तुने हमारे घर की अब तक शोभा बढ़ाई। अपनी अनुपम मुस्कान और कुशल व्यवहार से सबके दिल पे तु छाई।
आज हो गया है पद तेरा भारी, जो थी माँ और बाप की दुलारी अब बने जा रही है किसी के घर की बहुरानी । विश्वास है कि तू रिश्तों को पूरी निपुणता से निभाएगी,जो थी कल तक हमारे घर की रोशनी , वो ससुराल मैं भी दिया बनकर हमारी शोभा बड़ाऐगी।।
आशा है ऋषभ आप हमारी धरोहर का ध्यान रखेगे , जो है आज आपके घर की बहू वो है बेटी भी इसका भी ख्याल रखेगे।विश्वास है आपका दोनों का रिश्ता बहार लाएगा , जिनमें केवल कभी फूल थे, उनमें खुशबू बनकर आपके घर के आँगन को वो महकाऐगा ।।
~अनकहे अनसुने अल्फाज
- अंकुर-
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