जो टूटा है वो कहा फिर वैसे ही जुड़ेगा तेरे बगैर लग भी गया ये दिल तो नहीं तेरे जैसा लगेगा तेरे दिल में है तो कुछ बोल दे ऐसे ख़ामोश रहने से तो ये रिश्ता यूं ही बिगड़ता रहेगा।।
सब कुछ बताना ज़रूरी है क्या? जो तोड़े दिल उसी से दिल लगाना ज़रूरी है क्या? उसकी यादें मेरे ज़हन से जाती क्यों नहीं उसको भी मेरी याद सताए ज़रूरी है क्या?
धीरे धीरे सारी यादें मिट जाएंगी जो खाई थी कसमें वो फिर से दोहराई जाएंगी मिलना बिछड़ना तो दस्तूर है दुनिया का ये रहा मंज़िल न दे सकी तो क्या? फिर एक नई रहा बनाई जाएगी।।
सब कुछ बता दूं तुमको या सब कुछ छुपा लूं तुमसे कोई बहाना दे दूं इस दिल को या ये दिल लगा लूं तुमसे ना जाने ये कैसी उलझन में पड़ा हुआ हूं मैं रहना भी चाहता हूं पास तुम्हारे और दूर जाना भी है तुमसे।।
जो छोड़ गया था वो लौट आया है नई कसमें नए वादे बेशुमार लाया है हर कमसें हर उसकी बातों पे मुझे ऐतबार हो रहा है ना जाने क्यूं? मुझे फिर उसी से प्यार हो रहा है।।