Ankita Sahu  
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Joined 20 February 2020


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Joined 20 February 2020
25 JAN 2022 AT 22:52

मां बच्चों की आदत में शामिल होती है,
और बाप नियत में।— % &

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25 JAN 2022 AT 22:51

Bear is a baby infront of the Rock
And the rabbit is a baby infront of the bear .
So someone is always there
Who is better than you
So no one can be best forever.

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3 JAN 2022 AT 19:47

तस्वीरों ने बताया हमें ,
मुस्कुराते हुए हम भी अच्छे लगते हैं।

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2 JAN 2022 AT 21:34


रातें कलम हो गई,
मेरे सपने किताब।
आंखों में कितनों की थे हम,
हाथों में किसके मेरा लिबास।
सिलवटों में तो हम थे चादर की,
चादर किसकी थी ये है सवाल।— % &

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20 DEC 2021 AT 16:26

Jab tak sunti hu,
to badi tahzeeb se sunti hu.
Kisi n gustakhi ki,
To mai kisi ko kuch ni samjhti hu.

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15 DEC 2021 AT 21:26


Kb tk zinda rahe murdo k sath
Ki bahra hua jata hu mai in sannato k sath
Dikhai deta ni koi jaha tk nazar jaye
Y kha aa pahucha hu mai
kaun se nakshe k sath
Jban meri mujhse hi kahti rehti h
Jaise ki ldai kr rakhi ho baki sbke sath

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7 NOV 2021 AT 8:14

जिस दिन तुम अपने अपनों को असल में सच में समझ लोगे।
उसी दिन ये पूरी दुनिया तुम्हारी समझ में आ जाएगी।

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23 OCT 2021 AT 23:26

अच्छा अपने मन मुताबिक कोई चाहते हो।
आ जाओ ...........,
अब तुम अपनी मंजिल तक आ पहुंचे हो।
एक कठोर पत्थर हूं मैं।
औजार लाए हो संग अपने....?
अब प्रहार करो मुझ पर.......,
बस अब थोड़ा मोल चुकाना बाकी है,
कर मेहनत बहा थोड़ा खून पसीना .......
मुझ में ही छिपा तेरा कोई साथी है।

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11 OCT 2021 AT 1:13

चलो अल्फाजों को आग लगा दी जाए,
ये समय बहुत जाया करते हैं।
तुम आंखों से समझना,
हम पलकों से इशारा करते हैं।
दिन पुराने वापस आए हैं क्या?
तुमने जेवर बहुत पहन रक्खे हैं।
लगता है......,
ये तुम्हें तंग कर रहे हैं!
चलो हम तुम्हें फिर से सादा करते हैं।
तुम शर्माना ठीक वैसे ही,
हम हया से वही पुराना वादा करते हैं।
के अब छोड़ के ना जाना........,
किसी के भी बहकावे से।
अब उम्र हो गई है,
चलो जो भी है अपने पास,
उसी में मिलकर गुजारा करते हैं।

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10 SEP 2021 AT 0:29

हम रोती रातों को बहलाकर, सो जाते हैं।
सूरज को जगा कर,
सिसकते दिन को फुसलाकर, खो जाते हैं।
वो है नहीं मेरे पास,
तो हम उसकी चीजों को बिखराकर,
वहां सिमट कर सो जाते हैं।

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