saathi ye toh bss suruaat hai
jis rah p hamm hain
waha aisi hi kai kali adhiyari raat hai
tera saath mere liye Vishwas hai
din utna hi ujla hoga jitni kali rat haii
ab kisi ko harana nahi,sabhi ko jeetna hai hamme
iss barr jang apno k saath hai.-
एक ही शहर में हैं हम
पर अब तक मिले भी नहीं।
जाने इस बेरुखी की वजह क्या है
ऐसे तो हमारे गिले भी नहीं।।-
किसी का क्या ही जाता है, बोलने का कौन सा पैसा लगता है
तुम्हें बुरा लगता है या नहीं, उससे कहाॅ किसी को फर्क पड़ता है
फर्क इससे पड़ता है कि क्या तुम्हे फर्क पड़ता है???-
रिश्तों के दायरे लॉघने में वक्त नहीं लगता है
ये इश्क़ है जनाब,
दिल को नाफरमानी की आदत लगा देता है
खूब जानता है कि उनके काबिल नहीं है
फिर भी उन्हें ही चाहने की गुस्ताखी करा देता है||-
आसान होता है अपनों को मनाना
पर जो आसानी से मान जाता है,
दिल उसकी अहमियत भूल जाता है ।
सोचकर कि अपने हो,बाद में मना लेंगे
पता नहीं चलता पर वक्त बीत जाता है।
हर बार नया बहाना गलती छुपाने का,
ढूँढना नहीं पड़ता आसानी से मिल जाता है।
ऐसी ही लापरवाही से एक दिन बिना बताए ,
कोई अपना हमेशा के लिए दूर हो जाता है।।-
कुछ रिश्ते निभाए नहीं,जिये जाते हैं ,
ऐसा ही तेरा साथ था
तू गया था दूर मुझसे ,
मैं तो तेरे पास था
ले गया था तू वो हिस्सा मेरा,
जो जुड़ा तेरे साथ था
आज तेरे आने से,एक आश सी दिल में जगी है ,
मुकम्मल होगा किस्सा मेरा
रह गया था बाकी ,तेरा उसमें जो 'भाग' था।।-
kash wo bhi rishtey ki gahrai samajhta
bin kahe meri khamoshi sun leta
aaj hamara rishta kuch ar hi hota
agar uss din wo meri aankho ki sacchai padh leta-
वक्त-वक्त का खेल है सारा
इस बार कुदरत ने दाँव खेला है
जहाँ कल तक थी भागती जिंदगी,
वहीं आज सिर्फ सन्नाटा फैला है
राज़ दुनिया पे करने वाला इंसान,
आज अपने घर में दुबक़ के बैठा है
करते रहे हो मनमानी अब तक,
अब खेल सारा पलटा है
जीतना आसान नहीं होगा इस बार,
कुदरत ने तुम्हारे नहले पे फेंका दहला है।।-
काश के अब तुम समझ जाओ
किसी को पिंजरे में रखने के शौक़ से बाज़ आओ
खुद़ के आश़ियाने में दम घुट रहा है तुम्हारा
सोचो उनकी, और उनको उनके घर छोड़ आओ
काश! के तुम कुदरत का इशारा समझ पाओ।🙏-
देर रात तक जागने के लिए आशिक होना कहाँ जरूरी है
हम तो जागते हैं सपनों के लिए, क्यूँ कि ख्वाहिशें अभी अधूरी हैं।-