अच्छाई मुखौटा पहने है कि,बुराई की जंजीरों में उलझना जाए।बुराई मुखौटा पहने है कि,अच्छाई सब समझ ना जाए।©अंकिता द्विवेदी -
अच्छाई मुखौटा पहने है कि,बुराई की जंजीरों में उलझना जाए।बुराई मुखौटा पहने है कि,अच्छाई सब समझ ना जाए।©अंकिता द्विवेदी
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खुली आंँखों से हम भरोसा करते हैंऔर बंद आँखों से विश्वास।©अंकिता द्विवेदी -
खुली आंँखों से हम भरोसा करते हैंऔर बंद आँखों से विश्वास।©अंकिता द्विवेदी
जो आ रही हो याद उनकी, तो याद कर लेना,किसी रोज़ उनकी मौजूदगी, आपके लिए काफी नहीं थी।©अंकिता द्विवेदी -
जो आ रही हो याद उनकी, तो याद कर लेना,किसी रोज़ उनकी मौजूदगी, आपके लिए काफी नहीं थी।©अंकिता द्विवेदी
बने किसी रोज़ जो तुम रेत अगर,समुंदर बन मैं तुम्हें थाम लूंगा।~ अंकिता द्विवेदी -
बने किसी रोज़ जो तुम रेत अगर,समुंदर बन मैं तुम्हें थाम लूंगा।~ अंकिता द्विवेदी
अपना अपना नज़रिया है,अक्सर, बात शक की नहीं हक की होती है।© अंकिता द्विवेदी -
अपना अपना नज़रिया है,अक्सर, बात शक की नहीं हक की होती है।© अंकिता द्विवेदी
नहीं जानते हो क्या अहमियत है तुम्हारी,इस काशी से मन में, गंगा सी कीमत है तुम्हारी।© अंकिता द्विवेदी -
नहीं जानते हो क्या अहमियत है तुम्हारी,इस काशी से मन में, गंगा सी कीमत है तुम्हारी।© अंकिता द्विवेदी
ज़िन्दगी के हर सवाल केजवाब नहीं हुआ करते।कुछ सवाल बस समझके मोहताज होते हैं।© अंकिता द्विवेदी -
ज़िन्दगी के हर सवाल केजवाब नहीं हुआ करते।कुछ सवाल बस समझके मोहताज होते हैं।© अंकिता द्विवेदी
एक हसीन चेहरेपर हजारों चेहरा थाजो सामने था वहवक्त का पहरा था।© अंकिता द्विवेदीअच्छाई का मुखौटा,हंसी लिए ठहरा था,वक्त नें करवट ली इंसान चींटी साबिल मेंजा ठहरा था -
एक हसीन चेहरेपर हजारों चेहरा थाजो सामने था वहवक्त का पहरा था।© अंकिता द्विवेदीअच्छाई का मुखौटा,हंसी लिए ठहरा था,वक्त नें करवट ली इंसान चींटी साबिल मेंजा ठहरा था
Everyone have power of secretsto break their once loved ones.It's just left over love and some basic decency that stops them. ©ankita dwivedi -
Everyone have power of secretsto break their once loved ones.It's just left over love and some basic decency that stops them. ©ankita dwivedi
कोई प्यार में शबरी के झूठे बेर खाता है,तो कोई सुदामा से मिलने दौड़े चले आता है।अग्नि परीक्षा देती सीता पर मैं क्या लिखूँ? 'राधे' की माला जपती मीरा पर मैं क्या लिखूं?©अंकिता द्विवेदी -
कोई प्यार में शबरी के झूठे बेर खाता है,तो कोई सुदामा से मिलने दौड़े चले आता है।अग्नि परीक्षा देती सीता पर मैं क्या लिखूँ? 'राधे' की माला जपती मीरा पर मैं क्या लिखूं?©अंकिता द्विवेदी