"Love needs nothing, but love has everything"
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WordsS become a poem
Some untold story of my lyf.....
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कभी कभी यूँ हीं आँख छलक जाती है,
जब याद आपकी आती है
कब कौन मसीहा जाता है इतना दूर
अपनो को छोड़ कर
बस एक शिकायत है जिन्दगी से..
जब साथ का अपना वक्त आया
तब आप इस जहाँ से दूर चले गये.....पापा
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जो थाम सके हाथ तुम्हारा सरेआम
वो है आशिक़ सच्चा तुम्हारा
बन्द कमरे में वादे तो तवायफ़ से भी करते हैं।-
तुमसे बहुत कुछ कहना है
तुम सुनो गे क्या?
तुम्हारे साथ सफर ए ज़िंदगी जीना है
हमसफ़र बनो गे क्या?
इस जहाँ की हसीन वादियों में खोना है
हाथ मेरा थामो गे क्या?
मेरे हर सवाल का
तुम जवाब बनो गे क्या?-
आज तुम्हारी याद ने
न जाने क्यों जगा रखा है
ये वहम है मेरा
शायद तुमने भी मुझे याद किया होगा
इश्क़ है या है कुछ और ये
पता नहीं
फिर भी दिल आज न जाने क्यों
इतना उदास हो रखा है-
न जाने कहाँ कहाँ भटकता फिरता है तन्हां ये दिल,
कुछ अधूरा सा है तेरा मेरा रिश्ता
शायद तुम्हें आता नहीं इज़हार-ए-दिल करना
और मुझे आता नहीं पहल करना
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हर किसी का बस एक ही मलाल है
वो मुझे समझा नहीं
क्या कभी कुछ वक्त तुमने-
नज़र हमारी किसी और को देखती है,
लेकिन नज़रिया हमारा अपना होता है।
फिर हम कैसे कह सकते है वो कैसा है,
बल्कि उसको आपने उसका होकर देखा भी नहीं।
हो सके उतना खुद को निहारो,
तो सब सुलझा और संवारा लगेगा।
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आदत है या मोहब्बत
बस फर्क़ इतना है
आदत में रिश्ता टूटने का डर है
मोहब्बत में हर रूप में रिश्ता अजर और अमर है
आदत में हर रोज़ उसमें कुछ न कुछ कमी है
मोहब्बत में एक दूसरे की खुशी ही सब है-
नज़र हमारी किसी और को देखती है,
लेकिन नज़रिया हमारा अपना होता है।
फिर हम कैसे कह सकते है वो कैसा है,
बल्कि उसको आपने उसका होकर देखा भी नहीं।
हो सके उतना खुद को निहारो,
तो सब सुलझा और संवारा लगेगा।
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