Raat ki thakaan mein bhi
Chai ka Sukoon ho tum....
Dhalte Suraj ke paas
Baithe rahoon sare paher ...
Is kadar mera junoon ho tum....-
Par Saayad lafzon ne to Bin... read more
Bas humsafar tha wo kahne ke liye
Rukna to usse bhi nahi thaa saath
Rahne ke liye.....
Kahte hai sabhi hum dono hi
Bane hai ek dusre ke liye .....
Kya pata thaa chhor jaega wo
Saath mera ...
Kisi or ke saath rahne ke liye 🤗-
दोपहर की चिलचिलाती गर्मी।
आज़ कुछ और ही एहसास दिलाती है।
कहने को तो आज भी पूरा परिवार साथ है
पर वो दो रुपए वाली आइसक्रीम अब किसी को
नही भाती है।
अचानक से जब निकल जाया करते थे किसी
गलियों में दोस्तों के साथ ।
आज़ वो खेत खलियान बहुत याद आती है।
आज़ वो दोस्त भी हमारे पास नहीं जिनके साथ
हर त्योहार बिताते थे।
कभी उसके घर जाना कभी अपने घर बुलाना
तो कभी साथ में खाना खाना और
रात रात भर गप्पे लगाना बस याद
बनकर रह गई है इस नए जमाने में।
अजनबी तो कोई नहीं है नाही आप और नाही हम
बस पहले जैसी बात नहीं रह गई है
इस नए जमाने में ।-
वाजिब है मेरा लिखना कुछ भी।
पर तुमतक शायद पहुंचे न पहुंचे.....
तेरे एहसास तक तो पहुंचना चाहिए।
वाजिब है मेरा कहना कुछ भी ।
पर तुम सुन सको या ना सुन सको....
मेरे अल्फाज तुम तक पहुंचना तो चाहिए।
वाजिब है मेरा सुन ना कुछ भी ।
बातें तेरी हो अगर ...
मुझतक तो पहुंचना चाहिए।
तू थक जाता है कुछ अल्फाजों में ही
और मेरे है की रुकते नहीं ।
तुझपर लिखते लिखते मेरे किताबों के पन्ने
कभी खत्म नहीं होते।
एहसास तो है इस बात का की तू लौट
कर आ नही सकता ।
और एकतबार है मुझे अपने आप पर
तेरा वजूद मेरे लिए कभी मिट नही सकता।
वाजिब है मेरा लिखना कुछ भी🌸
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हर बात पे जो पत्तों की तरह बरसते थे।
आज़ वो हमसे तूफानों में भी रुकने को कहते है🤗।-
Muskurahat ko tumhari aajh Tak pahchanti hoon..
Pta nhi tumhari chalaaki ko us waqt bhi q nhi samjh paai🫡-
Teri yaad aai thi jab
gahre nind me thaa tu tab🥱
Tu muskurata hua sarmaya thaa
jab meri aakh khuli thi tab😳
Yaad aati hai Teri har roj har pal🥺
par tu milta hi nhi hai mujhe
yah soch kar ruk jaati hoon us pal♥️..
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KUCCH TO AJEEB HAI TERE SAATH BHI
OR MERE SAATH BHII..
NAA JAANE Q TUNE MUJHSE KAHA NAHII
AAJH TAK APNE DIL KI BAAT BHIII...
KAHIN NA KAHIN KUCCH TO SAACCHAI RAHI HOGI TUMHARE SAATH BHI..
KAH DIYA HOTA AGAR MUJHSE EK BAAR APNE DIL KI BAAT KO ..
RUK KAR MAI INTEJAR KARTI TERA ...
TERE JAANE KE BAAD BHII...
AJNABI TO NHI THEE KABHII
TU MERE SAATH THAA OR MAI TERE SAATH THIII...
AAKHIR KAAR SACCH KAHU KAISE??
KUCCH TO AJEEB THAA US WAQT TERE SAATH BHI OR MERE SAATH BHI🤗🤗-
Hamaari kahaani kucch aisi Rahi
Wo chhor gye hame badtamiz
Bataa kar..
Collab
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