तेरी जितनी परवाह करता हूं,
उतना ही लापरवाह भी हूं मैं....-
मेरे साथ खड़े है वो हर जंग में मेरी,
दोस्त मेरे महाभारत के ' कर्ण' से है....!!-
समझदारी सीख ली मैंने तुमसे,
दिल की बातें भी अब मैं सोच समझकर करता हूं......!!-
जो कह दिए वह शब्द थे,
जो ना कह सके वह अनुभूति थी।
और जो कहना है,
फिर भी नही कह सके,
वह मर्यादा है......-
लंबी-लंबी इमारतें,
बड़े है यहां के सपने,
ये शहर बड़ा सुना है,
मिल रहे न कुछ अपने....!!-
खास है हम,
ऐसा लगा था कुछ पल के लिए,
हम बस आज थे,
कोई रखा था उन्होंने कल के लिए....!!-
रात ने दम तोड़ दिया,
चराग़ अभी ज़िंदा है,
ज़िंदा रहने के लिए
आग अभी ज़िंदा है,
मोह्ब्बत ने हार मान ली
पर उम्मीद नही छोड़ी है,
दिल ने क़फ़न ओढ़ लिया,
दिमाग़ अभी ज़िंदा है....!!-
जब जब हम तेरे
शहर से गुजरते है,
क्या बताएं किस
क़हर से गुजरते है...!!?-
कुछ ऐसा है रिश्ता हमारा,
आधी दोस्ती,
आधा प्यार,
कभी वो मेहबूब हमारे,
कभी बन जाते सिर्फ यार...!!-