जो खुद की मर्जी से जाते है..
हम क्यु उसे बुलाए!
गरज है उसे अगर..
तो वो खुद पास आ जाय !-
जिंदगी उलझनों मे फस गयी ,
राते सोच मे निकल गयी!
उम्र महज 20 साल की हि है,
मानो जैसे 50 की कट गयी!
सोच सोच कर देह का कर डाला सत्यनास,
सब अच्छे से रहेंगे बस यही मन का है विश्वास!
20,000 की तनखा खुशी दिलाने मे चली गयी,
20 कि उमर है महज
मानो जैसे 50 की कट गयी !
आगे क्या होगा ये सोच रहा हु
घर जाऊ ये सोच रहा हु
की फिर जिम्मेदारी का खयाल आता है
और एक बार फिर 20 की उमर का लड़का
*जिम्मेदार* बन जाता है-
लगे जो दिल तो मोहब्बत है,
जो लगे दिमाग तो शरारत कहते है!
और मोहब्बत एक तरफा हो तो कब्रिस्तान,
और अगर दो तरफा हो तो जन्नत कहते है!
🖤-Ek Tarfa Pyar-
कंबक्त दिल को चोट खाना अच्छा लगने लगा है,
जब से वो हमे अपना लगने लगा है !
🖤- Ek Tarfa Pyar-
Tumhare khayalo me mera dinn...
Or tumhari baato se meri raatein gujarti hai..!
Tm apsara ho, pari ho, ki kya ho
Jara muqammal kro.. ! (2)
Kambaqt tum nahi to tumhari yaade hamesa mere sath hi q chala krti hai?
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घर छुटा छूटी यारि..
छूट गया संसार,
जो घर से निकल गया कमाने..
काग़ज़ के टुकड़े हज़ार,
क्या फायदा इन काग़ज़ के टुकड़ो का
जब साथ मे ना हो परिवार-
मै धूप हु,
तुम छाव हो
मैं मौसम पतझड़ का
तो, तुम बरसात हो
क्या फरक पड़ता है
मै दूर हु तुमसे, और मिला तक नही
तुम हर पल मेरे दिल के पास हो
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की दूर हु सबसे कोई मेरे पास नही,
अकेला हु मै और कोई मुझे रास नही!
जब जाऊंगा घर मै, तो खाऊंगा उसके हाथों से
*गौर करियेगा*
के जब जाऊंगा घर मै, तो खाऊंगा उसके हाथों से ..
जैसी मेरी माँ है और किसी के पास नही!-
Likhu to likhu kya..
Kuchh samajh nahi aa raha h,
M likhta raha jis saksh ke liy mai..
Akhir kar wo aj mujse milne aa raha hai.. !-