ना जाने क्यों मन ये बहक जाता है,
जब सांसों में, तेरी महक आती है।
तेरी आहट सुनके मेरे मन में
बहारों की कलियां खिल जाती हैं।
बहुत आए पर कोई तुमसा न था
दीदार को जिसके, मन मचल जाता है।
ना जाने क्या बात है तुझमें
ना जाने क्यों मन ये बहक जाता है।
तेरे नज़र का जो मैं निशाना हुआ,
फिर खुद से ही मैं बेगाना हुआ,
सोचकर तुम्हे सुबह से शाम हो जाती है।
ना जाने क्यों मन ये बहक जाता है
जब सांसों में तेरी महक आती है।।-
चाहत तो थी
तुम संग मुक्कमल जिंदगी बिताने की
मगर तुम भी औरों की तरह बेवफा निकले..-
नारी
इनके बारे में क्या लिखूं,
जिनसे सृजन समाज का होता है
यहीं तो हैं गौरव मर्दों की,
इन्ही से संसार उजागर होता ।
संसार की समस्त खुशियों का आधार होती हैं नारी,
इन्ही से घर परिवार में आती है रौनक सारी।
नारी तुम महान हो
शिशु का प्रथम जुबान हो।
तुम्हारे बारे में क्या लिखूं,
तुम त्याग, प्रेम, ममता का बखान हो।।
©अंकित तिवारी
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जो पीछे नहीं हटता कभी,
मातृभूमि के लिए शीश चढ़ाने से,
जिसको भय नहीं अपने मर मिट जाने से,
बॉर्डर के बराबर जिसके सीने की चौड़ाई है,
मृत्यु को ललकारने वाला,
मेरे हिंद का सिपाही है, हिंद का सिपाही है।
Happy Indian Army Day
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जो करते हैं ताउम्र साथ निभाने का वादा,
अक्सर वहीं लोग पल भर में दगा कर जाते हैं।।-
मेरी वफ़ा की कहानी में,
उनके जफावों को मत गिनना,
अपनी नजरों के सामने उन्हें
किसी और के बांहों में देखा है....-
खुद को जलाकर रौशन किया जिन्हें
अब उन्हे मेरी कोई फिक्र नहीं
जिनका सुबह और शाम भी होता था मेरे नाम से कभी
उनकी कहानी में अब मेरी कोई ज़िक्र भी नहीं...-
मेरी ज़िन्दगी में जब भी आना
महताब की चांदनी ज़रूर ले आना....
ईद मुबारक-
इश्क और खेल में क्या अंतर है,
ये बात कौन जानता है।
इश्क हो या इंसाफ
दोनो वक्त मांगता है।-
मोहब्बत के खेल में सबने चोट दिल पे खाई है,
आज फिर से आई याद उनकी और
आंख भर आई है,
लोग कहते हैं की इश्क सिर्फ नाम का होता है
तो फिर ये कैसी रुसवाई है।-