सहमा सा है आज मेरी उम्र का हर पल
ना अपना न पराया कोई नहीं है इस पल
अक्सर याद आते हैं वह बीते हुए पल
मित्रों की थी मंडली संग दिल उस पल
टूटा नजमा की हो गए बेखबर हर पल
उम्र के इस पड़ाव में हूं निराधार हर पल
हो इजाजत तो बस जाऊं संग दिलों के पल में
ए खुदा इतना तो रहमकर बुला ले अपने उस पल में
AKELAPAN-
गजल सी जरूरत हो तुम
मेरी मंजिल की मूरत हो तुम
है गवाह जिसका खुदा
इतनी खूबसूरत हो तुम
Ankit Soni-
पवित्रता की असीम मूरत हो तुम
मेरे यादों की बेहिसाब जरूरत हो तुम
कब तक ढूंढू मैं खुद को खुद से ?
मेरे हर एक प्रश्न का उत्तर हो तुम..
Ankit Soni
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इबादत हो रंगत हो महफिल हो और सब
जवाँ हो
और इस प्यार भरे माह में हम आपके साथ
रवाँ हो
खुशनसीबी हो इतनी की साथ में एक प्यारी
सी मुस्कान हो
सलाम करे सारा जमाना हमें और हम सिर्फ
आपके गुलाम हों
Happy February😘
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अजब सा मेरे मन में
कुछ दस्तक दिया मेरे दिल में
था कुछ ऐसा सोचा नहीं था वैसा
टूटता हुआ तारा मानो मेरा सपना सा था
जो संजोए थे मैंने नववर्ष की बेला पर
है अभी भी कुछ उम्मीदे है इस जीवन जगत से
सीख रहा हूं अभी भी अपनी इस पावन धरती से
की रूप बनकर गढ़ जाऊंगा इक दिन इस मिट्टी से
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आंसुओं के हर पहलू में तुम्हें भिगोए रहता हूं!
दिल की हर आरजू में तुम्हें संजोए रहता हूं!
है वक्त खास इस कदर इस मोहब्बत का!
कि पास होकर भी तुमसे बहुत दूर रहता हूं!
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मोहब्बत में कई रातें यूँ कट जाती हैं ख्वाबों में
तेरा दीदार ये सदके जाँ नजर आता है रातों में
इस दूरी और मजबूरी का फर्क बस इतना समझ लेना
जो तू होती इहलौकिक में तो मैं होता परलौकिक मे
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बेईमान मान है होने दो हमसे बड़े थोड़ी हैं
यह सब तो अपने हैं कोई पराया थोड़ी है
चुराकर कब तक कितना रखेंगे अपने पास
छोड़कर सब यही जाएंगे कोई भगवान थोड़ी है
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