वर्षों पहले लगी ठोकर,
गिरकर जो घाव लगे,
उठकर , संभलकर ज्यू ही चलने लगे
पड़ी कुल्हाड़ी किसी और की,
फिर उसपर पाव पड़े,
गिरकर फिर जो घाव लगे..!!-
आज ' मैं ' हूं..!!
यादों को डिलीट करना बेहतर ऑप्शन नहीं, कुछ बुरी यादे हमें फूंक फूंक कर कदम रखने की सलाह देती है और कुछ अच्छी यादे बुरे समय में मुस्कुराने का कारण..!!
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भारतीय जनता कितनी मासूम है..!
उन्हें बेचारो को पता ही नहीं की बाइक में इंडिकेटर भी है..!!
आज भी हाथ दिखा कर काम चला रहे..!!
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"सुनिए बात मेरी ध्यान से"
मैं बेशक राजा नहीं, तुम बेशक रानी नहीं,
पर ये कहना तो गलत है ना
की हमारे इश्क़ की कोई कहानी नहीं..!!-
ये दुनिया है, दोस्त !
यहां एक घर में खुशी, तो दूजे घर गम..!
कदम कदम पर बदलता, यहां मौसम..!
आज हंस खेल हो एक दूजे के संग..!
क्या पता, कल तुम रहो ना हम..!!-
I suppose, in the end,
the whole of life
becomes an act of letting go.
But what always hurts the
most is not taking a moment
to say "GooDBye"
Irfan Khan(1967-2020)-
वक़्त की नज़ाकत हम तब ना समझे..!
जब हमारे पास वक़्त था..!!
अब वक़्त को समझने के लिए भी
वक़्त नहीं है..!!-