तुम इतनी नफ़रत न किया करोकी आदतन वो मोहब्बत बन जाए ,तुम मेरी जिस गली से भी गुज़रोकहीं वो तुम्हारा आशियाना न बन जाए । -
तुम इतनी नफ़रत न किया करोकी आदतन वो मोहब्बत बन जाए ,तुम मेरी जिस गली से भी गुज़रोकहीं वो तुम्हारा आशियाना न बन जाए ।
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आओ सबसे अपनी किस्से सुनते है, फिर किसी दिन चलो जुदा हो जाते हैं । -
आओ सबसे अपनी किस्से सुनते है, फिर किसी दिन चलो जुदा हो जाते हैं ।
वो दूर भी नही जाता मेरे पास भी नही आता कमबख्त, यह चांद मेरे साथ ही रहता है । -
वो दूर भी नही जाता मेरे पास भी नही आता कमबख्त, यह चांद मेरे साथ ही रहता है ।
फुर्सत से कभी फुर्सत मिले तो तबीयत पूछ लिया करोतुम्हारे सिवा, इन हज़ारों मैसेज से शायद दिल नही भरता । -
फुर्सत से कभी फुर्सत मिले तो तबीयत पूछ लिया करोतुम्हारे सिवा, इन हज़ारों मैसेज से शायद दिल नही भरता ।
भरी बज़्म में मुझे यूँ ही न बदनाम करो,थोड़ा मुस्कुराओ और मुझे भी आज़ाद करो। -
भरी बज़्म में मुझे यूँ ही न बदनाम करो,थोड़ा मुस्कुराओ और मुझे भी आज़ाद करो।
मैं एक चिड़िया हूँ । सपनें मेरे पतंग की तरह हैं । दोनों आसमान में उड़ते हैं । बस बात सुई की एक धागे पे आ के अटक गयी हो जैसे। एक आज़ाद है तो दूसरा अभी भी किसी के हाथों में हैं । सवाल उठता है कि कब तक चिड़िया उड़ पाएगी ? -
मैं एक चिड़िया हूँ । सपनें मेरे पतंग की तरह हैं । दोनों आसमान में उड़ते हैं । बस बात सुई की एक धागे पे आ के अटक गयी हो जैसे। एक आज़ाद है तो दूसरा अभी भी किसी के हाथों में हैं । सवाल उठता है कि कब तक चिड़िया उड़ पाएगी ?
काफी कुछ कह गया वो मुझसे जाते-जाते, मैं बच्चे की तरह सुनता रहा और भूल गया । -
काफी कुछ कह गया वो मुझसे जाते-जाते, मैं बच्चे की तरह सुनता रहा और भूल गया ।
तुम ख़ामोशी से कहे गए सब कुछ,और हम है कि तुम्हें समझ न पाए । -
तुम ख़ामोशी से कहे गए सब कुछ,और हम है कि तुम्हें समझ न पाए ।
वो न आएगा मिलने मुझसे, यह यक़ीन था ।वो बंजारा है, बंजारों पे क्या यक़ीन करना । -
वो न आएगा मिलने मुझसे, यह यक़ीन था ।वो बंजारा है, बंजारों पे क्या यक़ीन करना ।
क्यों इतने गुमसुम-गुमसुम से तुम रहेते हो !बस इतना बता दो, पुराने अखबार क्या अभी भी पढ़ते हो ? -
क्यों इतने गुमसुम-गुमसुम से तुम रहेते हो !बस इतना बता दो, पुराने अखबार क्या अभी भी पढ़ते हो ?