जब तक स्वयं हार न मानी जाए
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Ankit Singh
(PòeTrYhòlìç)
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Life is short to live,if you you really live it without complain 😉
Love to do poetry
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Joined 14 July 2019
25 AUG 2021 AT 21:55
तसल्ली जरा एक बार कर दो ,
मौजूद है जिंदा धड़कन मेरे दिल में भी ,
इस बात का मुझे भी जरा ऐतबार कर दो ,
बस तुम एक बार जरा मेरे दिल पर हाथ रख दो ,-
26 MAY 2021 AT 21:55
कि गलती मेरी बताओ तुम ,
कसूरवार कहो मुझे और ,
फैसला ए सजा भी सुनाओ तुम ,
हर बार नही होगा-
26 MAY 2021 AT 21:45
शब्द बड़े खामोश हो चले है ,
शायद मेरे अंदर के शोर से तंग हो चुके है ,-
24 MAY 2021 AT 12:29
मोहब्बत बेइंतेहा थी उसको भी हमसे ,
इस बात की गवाह उसकी ,
निगाहें बड़ी खूब बन रही थी ,-
23 MAY 2021 AT 10:07
ज़िंदगी खाली खाली सी शाम बन गई है ,
चांद नही जिसमे वो रात बन गई है ,
इंतजार ही इंतजार है जिसमे वो ख्वाब बन गई है ,
ज़िंदगी मेरी खाली शाम बन गई है ,
पता नही कब किस मोड़ पर इंतजार थम जाए ,
उस इंतजार की घड़ी की मोहताज बन गई है ,
ये ज़िंदगी मेरी खाली शाम बन गई है ,
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