Ankit Shrivas   (अंकित श्रीवास)
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Joined 29 March 2019


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8 MAY 2021 AT 15:05

माह ए रमजान
माह है फर्ज ए रोज़े की

माह ए रमजान
माह है खुदा की इबादत की

माह ए रमजान
माह है जहन्नम से आजादी की

माह ए रमजान
माह है नेकी ए सवाब की

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2 MAY 2021 AT 23:29

तू रूठी हुई सी लगती,
तरकीब बता मनाने की।
मैं सारी जिंदगी गिरवी रख दु,
तू क़ीमत बता मुस्कुराने की।

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22 JUL 2020 AT 23:21

अपने किरदार को मौसम से बचाये रखना,
लौट कर फूलो में वापस नही आती खुशबू।

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3 JUN 2020 AT 23:56

............

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31 MAY 2020 AT 11:06

मैं क्या करूँ की कुछ हो जाये
मैं "हाँ" कहु और वो मेरी हो जाये

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28 MAY 2020 AT 0:02

दिन के पहर को जो शीतल कर जाती
रात के पहर से जो पहले है आती

सूरज को जो आँचल से छुपाती
चाँद का जो मुखड़ा है दिखाती

दिन का एक पहर जो सबको है भाती
सूरज ढले यह सबको है लुभाती

वह "संध्या" है



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18 MAY 2020 AT 9:23

न कभी हम बदले
न कभी वो बदली
बस फ़र्क एक बदल गया
हम आज भी उन्हीं में दिलचस्पी लेते थे
उन्हें कोई और दिलचस्प मिल गया

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10 MAY 2020 AT 12:01

Million problems,One solution -Mom❤️






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4 MAY 2020 AT 11:59

जे वो है ता फिर फ़िक्र क्यों
जे वो न ता जिक्र क्यों

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3 MAY 2020 AT 21:47

झूठा मित्र शत्रु के समान होता है।





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