Ankit's Pen   (© ankit's pen)
1.2k Followers · 301 Following

read more
Joined 5 February 2020


read more
Joined 5 February 2020
25 APR 2022 AT 22:25

आईना !!


-


21 MAR 2022 AT 10:44

सालों से विस्थापित हूँ मैं देश के कोने कोने में,
क्या इतना कुछ खोया मैंने बस एक 'हिन्दु' होने में ?

नव निर्माण कि आस लिए मैं एक ईमारत खंडित हूँ,
किसको दर्द सुनाऊँ जाके मैं कश्मीरी पंडित हूँ !!


अनुशीर्षक मे पढ़ें !

-


13 FEB 2022 AT 11:22

If I were a memory,
I would be those circular tea stains
Imprinted on a table
Long left unattended __
Stuck,
waiting for someone to pull out
A Dirty rug and rub me off
I'll be there the next day.

If I were a memory,
I would be
those two plain Marie biscuits
dunked in plain water
and not milk.
Swallowed inside a fancy tummy,
a memory
of what my father
worked very hard to give
but somehow could not.
A memory of happily tasting
water as milk,
to fill our father's hungry pride

-


18 DEC 2021 AT 8:27

कोशिशे बेबाक कि थी जिनसे मिलने के लिए,
आज हमसे बिछडने खातिर वो साजिश रच रहे ।

-


13 DEC 2021 AT 19:19

कभी किताबों से बेहतर ज्ञान एक अपरिचित दे जाता है..!

-


10 DEC 2021 AT 19:46

चर्चें कामयाबी के हों ये "lazmi " तो नहीं,
"Barbadiyan" भी शख्श को मशहूर किया करती हैं,.!

-


11 NOV 2021 AT 9:21

आज मुसीबत मिली थी चौराहे पर, मैंने उसे रास्ता गलत बता दिया,
दुःख हुआ मुझे कि मैंने बिन बुलाए मेहमान को सत्ता दिया,
बड़ी बेबाकी से वो रास्ता पुछ रही थी , मेरे जानी दुश्मन का,
मैं ठहरा कमबख्त उसे अपने घर का रास्ता बता दिया,..

-


9 NOV 2021 AT 8:52

मोहब्ब्त इस क़दर् बढ़ गई,...
कि लोग तो अब उसे 'तलब' कहते हैं,..!

-


30 OCT 2021 AT 10:43

शायद टूटी सी कसम कोई झूठा सा कोई वादा था
दुनियाँ से सहमा इश्क़ मेरा पर उसका साथ निभाता था
फिर जी लूँ उसको महफ़िल में गुस्ताख़ी भरा इरादा है
मैं उसको चाँद कहूँ कैसे कुछ दाग़ चाँद में ज़्यादा हैं...!!

-


30 SEP 2021 AT 15:08

माना की मदहोशी में पलकें तुझपे मैंने फेरी थी,
ए आवारगी तू ही बता क्या गलती केवल मेरी थी,..!!

-


Fetching Ankit's Pen Quotes