Ankit Ranjan Singh   (©Ankit Ranjan Singh)
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Joined 26 September 2018


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Joined 26 September 2018
19 OCT 2018 AT 15:36

तूने माथे पर जो 'तिल' सजाया है।
लगता है खुदा ने काला टीका लगाया है।।

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4 MAY 2021 AT 13:16

#Mere vatan ki Sarkaren gar ab tak soi na hoti
Meri Bharat Maa kabhi yu roi na hoti ...
Kabhi roi na hoti....🇮🇳

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4 MAY 2021 AT 13:10

ये भीगी पलकें, ये गीला आँचल... कब तक देखेंगे?
अब सहा नही जाता
लोगों के दर्द, अपनों के जाने का ग़म...कब तक देखेंगे?
अब रहा नही जाता

कितनीं खुशियां कितने घर बर्बाद किये, कोरोना के इस दानव ने;
लाखों के अपने छूट गए, दम तोड़ दिए अरमानों ने;

कितने ही घर उजड़ गए, कितनो के सपने टूट गए;
कितने बच्चों के सिर से, पापा के दामन छूट गए;

कितने बहनो की राखी अब सूनी ही राह जाएगी,
जाने कितने घरों की रोशनी ही बुझ जाएगी;

हे भगवंत संभालो हमको ये कैसी विपदा है आना खड़ी,
कलयुग में देखो हे मालिक सबसे सस्ती है जान पड़ी;

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26 APR 2021 AT 1:27

तू ही रब है तू ही राम और आखिरी सहारा भी तू है।
मेरे मुल्क की कश्ती का किनारा भी तू है।।
तेरे रहमत की आस में कब से बैठे है।
इस मर्ज की दवा का इशारा भी तू है।।

अए खुदा मेरे मुल्क पे कुछ रहम कर दे।
इंसानों के दर्द पर थोड़ा मरहम कर दे।।
मेरे देश के मिट्टी की खुशबू बरकरार रख मौला ।
चाहे हम सब के हिस्से की खुशी थोड़ी कम कर दे।।

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30 JUN 2020 AT 22:02

कुछ अधूरी ख्वाहिशों का एक ज़खीरा संजोया है,
कभी फुरसत में मंदिर की सीढ़ियों पर बिखेर आऊंगा;

और खुदा से मागूँगा तुझे और तेरी खुशियाँ,
बाकी सारी ख्वाहिशें वहीं छोड़ आऊँगा;

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5 JUN 2020 AT 0:01

Meri kaali raaton ka ujaala ho tum,
Samandar ka
sabse khubsurat kinara ho tum;
Aur maine
maanga tha jise badi shiddat se,
Khuda ka bheja wahi ek tara ho tum...

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4 JUN 2020 AT 22:16

मेरी मिट्टी को कुछ यूँ आबाद रहने दो।
मत घोलो नफ़रत इसे साफ रहने दो।।
अपनी राजनीति के चूल्हों में तुम बेशक जल जाओ।
पर दूर रहो इससे इसे महताब रहने दो।।
ज़हर लाए हो जो आसमाँ में घोलने को उसे रखो अपने पास।
इसकी पाकीज़ा हवाओं की ठंडक को यूँ ही बरकरार रहने दो।।
हिन्दू-मुस्लिम तुम फिर कभी करना।
आज इसे हिन्दुस्तान रहने दो।।
शहीदों के बलिदानों का कुछ तो ख्याल रखो।
उनके बच्चों का इस देश पर विश्वास रहने दो।।
और शर्म तो तुमने कब की बेच खाई होगी।
कुछ तो अपना ईमान रहने दो।।
मेरी मिट्टी को कुछ यूँ आबाद रहने दो।
मत घोलो नफरत इसे साफ रहने दो।।.....

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2 APR 2020 AT 2:03

चंद लम्हो में बता दी औकात खुदा ने इंसानो की!

दुनिया को अपनी तरक्की पर गुमान बहुत था!!

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1 APR 2020 AT 22:17

हाँ! भुला चुका है वो मुझे,
मैं उसे भुलाऊं कैसे?

वो था तो सब अच्छा लगता था उसमें,
अब नही है साथ, तो उससे रूठ जाऊं कैसे?

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6 DEC 2019 AT 19:55

तेरे चेहरे का वो नूर आज भी मुझे सोने नही देता,
तेरे सिवा किसी और का मुझे होने नही देता;
लाख कोशिशें कर लूं तुझे भूलने की,
पर साला ये दिल ही बदचलन है ना, ऐसा होने नही देता;

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