किस्मत की बाजियां पर इख्तियार नहीं है,सब कुछ है जिंदगी में मगर प्यार नहीं है।। कोई था जिसको याद करके गा रहे हैं हम, आंखों में अब किसी का इंतजार नहीं है!!?.. -
किस्मत की बाजियां पर इख्तियार नहीं है,सब कुछ है जिंदगी में मगर प्यार नहीं है।। कोई था जिसको याद करके गा रहे हैं हम, आंखों में अब किसी का इंतजार नहीं है!!?..
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कैसे केसों लोगों को हमराज करती हैं,अपने लोगों को नाराज़ करती हैं..तेरे बाद जाना हमनें ये,घड़ी टिक टिक की आवाज करती हैं ..!? -
कैसे केसों लोगों को हमराज करती हैं,अपने लोगों को नाराज़ करती हैं..तेरे बाद जाना हमनें ये,घड़ी टिक टिक की आवाज करती हैं ..!?
मैं कुछ नहीं लिखता मेरे हृदय में एक...विरहिणी स्त्री रहती है,वो रो देती है...और मैं उसका दुख काग़ज़ पर उकेर देता हूं।। -
मैं कुछ नहीं लिखता मेरे हृदय में एक...विरहिणी स्त्री रहती है,वो रो देती है...और मैं उसका दुख काग़ज़ पर उकेर देता हूं।।
दया अगर लिखने बैठूं होते हैं अनुवादित राम,रावण को भी नमन किया ऐसे थे मर्यादित राम.. -
दया अगर लिखने बैठूं होते हैं अनुवादित राम,रावण को भी नमन किया ऐसे थे मर्यादित राम..
हैं ज़िंदगी के तमाशे, तमाशे सब एक से,कोई हमें नहीं मिलता, किसी को हम नहीं मिलते.. -
हैं ज़िंदगी के तमाशे, तमाशे सब एक से,कोई हमें नहीं मिलता, किसी को हम नहीं मिलते..
रह गया उधड़ा-फटा सा ही.. फिर कभी मन सिला ही नहीं, किसी से मिल कुछ कहना था कोई फिर कभी मिला नहीं ! -
रह गया उधड़ा-फटा सा ही.. फिर कभी मन सिला ही नहीं, किसी से मिल कुछ कहना था कोई फिर कभी मिला नहीं !
उलझे तो सब है यहां कहीं ना कहीं, बस फ़र्क इतना हैं की, तुम सुबह की नींद में हो, मैं रात की खामोशी में। -
उलझे तो सब है यहां कहीं ना कहीं, बस फ़र्क इतना हैं की, तुम सुबह की नींद में हो, मैं रात की खामोशी में।
मत रखा कर किसी से इतनी उम्मीद ए दिल,हर किसी की एक अलग दुनियां है।। -
मत रखा कर किसी से इतनी उम्मीद ए दिल,हर किसी की एक अलग दुनियां है।।
पंख कुतर देते तो बेहतर होता, यह पिंजरे में कैदकरना तो जिंदगी खा गया! -
पंख कुतर देते तो बेहतर होता, यह पिंजरे में कैदकरना तो जिंदगी खा गया!
ना रात कटती है और ना ही जिंदगी,एक शख्स वक्त को बहुत धीमा कर गया! -
ना रात कटती है और ना ही जिंदगी,एक शख्स वक्त को बहुत धीमा कर गया!