कभी खुद से भी मिलो.. कभी खुद ही खुद से बात करो.. जिस को ढूंढ रहे हो मंदिर गुरुद्वारे में, कभी अपने ही भीतर उसे तलाश करो!
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जो दिल के क़रीब हो वो अक्सर दूर होता हैं ❤️ Ansh... read more
विश्वास हो, तभी कदम बड़ाने की सोचना,
असमंजस के फैसले.. अक्सर पछतावा देकर जाते है...-
मेरे जैसे ओर तुम कितनो को अपनाओगी,
नजरें मिला कर बाद में उंगलौ पे नचाओगी
मैं ने तो कभी तुझे...छुआ तक भी नहीं
वो भी छोड़ जाएगा..जिसके आगे ..जिस्म लूटाओगी
किसी ओर को देती तो चल जाता शायर को धोखा देने वाली।।
तुम धोखा ही खाओगी-
पढ़े लिखे परिंदे कैद हैं, माचिस के मकान में
9 से 6 की ड्यूटी और मानसिक थकान में-
मैं तलब कहूं तुम चाय समझ लेना,
मैं इश्क़ कहूं तुम बनारस समझ लेना!!-
बेवजह घर से निकलने की ज़रूरत क्या है मौत से आंख मिलाने की ज़रूरत क्या है
सबको मालूम है बाहर की हवा है क़ातिल
यूँ ही क़ातिल से उलझने की ज़रूरत क्या है.!!-
"विष पियूंगा भी कैसे तुम्हारे बिना,
दिल सियूंगा भी कैसे तुम्हारे बिना,
डोली चढ़ते हुए ये भी सोचा नहीं,
मैं जिऊंगा भी कैसे तुम्हारे बिना...!!"-