Ankit Nigam   (©Aadi✍️)
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Joined 29 May 2019


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Joined 29 May 2019
31 JAN 2022 AT 0:00

बेशब्र सा इंसान मैं,
खुद से हुआ परेशान मैं,
तेरी याद में खुद से जुदा,
कब से यहां मैं गुमशुदा,
एक तू नहीं मेरे साथ में,
बाकी सब तो है मेरे हाथ में,
तू यूं गया है छोड़ कर,
ढूंढा तुझे हर मोड़ पर,
मगर न मिला तू इस कदर,
तू क्यूं गया मुंह मोड़ कर....— % &

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26 JAN 2022 AT 8:24

Teri hi khatir khud ko tere kabil banana chaha maine,
Balda khud ko is kadar tune chaha jis kadar,
Fir muda to khayal aaya kahin khud ka wazood kho baitha mai,
Khud di khud se rushwaa ho baitha mai....— % &

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25 JAN 2022 AT 21:56

खुद से रूबरू हुआ तो ये जाना के मैं अपनी औकात से ज्यादा अमीर हूं,
मैं तो उस काबिल भी नहीं जिस खोद्दारी और नाजों से मेरे मां बाप ने मेरी परवरिस की है,
खुद से ज्यादा मेरी ख्वाहिशों की नुमाइश की है,
मैं खुश रहूं इसकी पूरी आज़माइस की है...— % &

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14 JAN 2022 AT 12:06

तू राहा विच छड़या मैनू, दर्द दिते बेहिसाब,
तू लख वारी दिल तोड़ेया मेरा, फेर वी मैंने उफ्फ तक नि कित्ती....

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11 JAN 2022 AT 10:29

दिल दुखता रहा, और चेहरा मुस्कुराता रहा
कुछ यूं ही ये कारवां चलता रहा....

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9 JAN 2022 AT 10:07

किसी शराब में इतना नशा नहीं जो तेरी यादें भुला सके,
तू ही बता मैं ऐसा क्या करूं जो मेरे बैचेन दिल को थमा सके.....

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31 DEC 2021 AT 11:52

अभी तुम वाकिफ ही कहां हो मेरी उलझनों की हद से,
दुनियां की नज़र में सुलझा दिखने के लिए कई मर्तबा खुद से उलझा हूं मैं.....

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25 DEC 2021 AT 14:01

Never let any misunderstanding ruin your friendship because it's the very precious thing which you can ever have....

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22 DEC 2021 AT 22:58

कुछ इस कदर मेरी बेगुनाही की सज़ा मिली मुझे, के हर वो शख्स जिसे मैने अपना समझा वो एक मोड़ कर छोड़ कर चला गया, शिकायत करता भी तो किसी जब हर जो तनहा कर गया....

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17 DEC 2021 AT 23:11

कई बार इंसान सही हो कर भी खुद को साबित नहीं कर पाता क्योंकि उस वक्त उसकी अच्छाइयों, मजबूरियों और intentions सब को ignore कर दिया जाता है.....

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