सुबह सुबह जब आंख खुली
सपनों की दुनिया फिर से सामने खड़ी
रात को ही दूर कर दिया था
हौसलों से नकर दिया था
फिर रात वो कट गई
फिर सुबह सोच बदल गई
फिर खड़ा हो चला हूं
फिर लड़ने चला हूं
आ जाओ एक साथ
अब हौसलों से खड़ा हूं
रास्ता रोक सको तो रोक लेना
जंजीरा तोड़ देंगे रास्ते ढूंढ लेंगे
अभी कोहरा हैं तो रहने दो
हम मंजिल के रास्ते को थोड़ा चल के खोज लेंगे
- Er,Ankit
22 JAN 2019 AT 6:56